नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना को लेकर विवादित टिप्पणी करने के बाद बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे एक बार फिर राजनीतिक और कानूनी विवादों में घिर गए हैं। जहां विपक्षी दलों ने उनके बयान की तीखी आलोचना की है, वहीं सुप्रीम कोर्ट में उनके खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल की गई है। शीर्ष अदालत ने सोमवार को इस मामले में स्पष्ट कहा कि याचिका दायर करने के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है।
जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह सीधे तौर पर याचिका दाखिल कर सकते हैं और इसके लिए कोर्ट की इजाजत जरूरी नहीं है। याचिकाकर्ता के वकील ने इस संबंध में एक समाचार रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि वह अदालत की अनुमति लेकर याचिका दायर करना चाहते हैं। इस पर जस्टिस गवई ने स्पष्ट रूप से कहा, “आप दायर कीजिए, इसके लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं है।
पूरा विवाद उस समय शुरू हुआ जब निशिकांत दुबे ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट को ही कानून बनाना है, तो फिर संसद और विधानसभाओं की कोई आवश्यकता नहीं रह जाती। इसके साथ ही उन्होंने सीजेआई खन्ना को देश में ‘सिविल वॉर’ जैसे हालात के लिए जिम्मेदार ठहराया था। बीजेपी ने इस बयान से खुद को अलग करते हुए कहा कि यह दुबे की निजी राय है।
इस बीच, कांग्रेस ने बीजेपी की प्रतिक्रिया को ‘डैमेज कंट्रोल’ बताया है। कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को ठेस पहुंची है और ऐसे सांसदों को पार्टी से निष्कासित किया जाना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि अटॉर्नी जनरल इस मामले में बिना देरी के आपराधिक अवमानना की अनुमति देंगे।यह मामला अब राजनीतिक और संवैधानिक दृष्टिकोण से अहम बनता जा रहा है।
Read Also: अमेरिका के वाइस प्रेसिडेंट, लेकिन दिल से अपने! जेडी वेंस का दिल्ली में दिखा देसी अंदाज़