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जब इंदिरा गांधी ने आर्मी चीफ सैम मानेक शॉ से पूछा, ‘आर यू ट्राइंग टू टेकओवर मी?’ मिला ये जवाब

देश कमांडर इन चीफ सैम मानेक शॉ को 1971 के युद्ध में इंदिरा गांधी को दी गई उनकी सलाह और जीत के लिए बनाई गई अचूक रणनीति के लिए जानता है. इंदिरा के सिर पर जो कामयाबी का सेहरा बंधा, उसका काफी कुछ क्रेडिट भारतीय सेना के कमांडर इन चीफ सैम के हिस्से भी है. ऐसे में अगर पीएम को सारी गुप्तचर एजेंसियों ने ये खबर दी कि सेना के कमांडर इन चीफ सैम मानेक शॉ के नेतृत्व में कभी भी पाकिस्तान की तरह तख्तापलट हो सकता है, तो ये बड़ी बात थी.

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  • Last Updated: November 10, 2017 21:49:43 IST

नई दिल्लीः देश कमांडर इन चीफ सैम मानेक शॉ को 1971 के युद्ध में इंदिरा गांधी को दी गई उनकी सलाह और जीत के लिए बनाई गई अचूक रणनीति के लिए जानता है. इंदिरा के सिर पर जो कामयाबी का सेहरा बंधा, उसका काफी कुछ क्रेडिट भारतीय सेना के कमांडर इन चीफ सैम के हिस्से भी है. ऐसे में अगर पीएम को सारी गुप्तचर एजेंसियों ने ये खबर दी कि सेना के कमांडर इन चीफ सैम मानेक शॉ के नेतृत्व में कभी भी पाकिस्तान की तरह तख्तापलट हो सकता है, तो ये बड़ी बात थी.

इंदिरा को उनके करीबी मंत्रियों ने भी जानकारी दी तो ये जानकर इंदिरा बुरी तरह चौंक गईं. पहली बार पीएम बनने के समय गुलजारी लाल नंदा की बीएसएफ टुकड़ियों को दिल्ली बुलाने की बात उनको याद दिला दी लेकिन सैम को लेकर उन्हें यकीन नहीं था. आखिर सैम से उनके रिश्ते खाली पीएम और कमांडर इन चीफ से ज्यादा दोस्ती वाले थे. इधर सैम जहां भी जाते लोग उनसे पूछते कि कब टेकओवर कर रहे हैं. दरअसल कांग्रेस सिंडिकेट के पुराने नेताओं को किनारे लगाते ही उन्होंने स्वतंत्र पार्टी और जनसंघ से हाथ मिला लिया था. इसके चलते बिना सोशल मीडिया के ही अफवाहों का बाजार जोरों से गर्म था.

इंदिरा से रहा नहीं गया, इंदिरा ने सीधे सैम मानेक शॉ को पीएम आवास पर बुलवा लिया और सीधे पूछ लिया कि ‘आर यू ट्राइंग टू टेकओवर मी?’ कई सेकेंड्स तक सैम मानेक शॉ के हलक से आवाज तक नहीं निकली. इंदिरा का सेंस ऑफ ह्यूमर इतना अच्छा नहीं था कि वो ऐसा मजाक करने के लिए घर बुलातीं और वो उस वक्त देश की सबसे ताकतवर शख्सियत थीं. मानेक शॉ ने सीधे उनसे ही पूछ लिया कि आप क्या सोचती हो? तो इंदिरा का जवाब था- ‘तुम नहीं कर सकते.’ सैम को माहौल हलका करने का मौका मिल गया और मुस्कराकर पूछ डाला कि क्या आपको मेरी क्षमता पर शक है?

बाद में दोनों के बीच इस षडयंत्र की अफवाह पर ढंग से चर्चा हुई, जिसमें सैम ने उनको अपने करीबियों की अफवाहों पर ध्यान ना देने और उन पर भरोसा करने की सलाह दी. यही सैम मानेक शॉ ने बांग्लादेश के लिए छिड़ी जंग में अपने खिलाफ उठने वाली सभी आवाजों को खामोश रहने पर मजबूर कर दिया.

भारत-पाकिस्तान जंग से पहले एक दिन सैम को इंदिरा ने यूनीफॉर्म में ब्रेकफास्ट मीटिंग पर आने को क्यों कहा, जानने के लिए देखिए हमारा ये वीडियो शो विष्णु शर्मा के साथ.

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