नई दिल्ली/ हैदराबाद। हैदराबाद में दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी हुई है. ये दोनों वरिष्ठ पुलिस अधिकारी जेल में बंद एक अधिकारी की मदद करने और अपराध में अपनी संलिप्तता को छिपाने की कोशिश कर रहे थे. इन दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने खिलाफ इकठ्ठा किए कई सबूतों को नष्ट कर दिया और कथित रूप से फोन टैपिंग की.
बता दें कि हैदराबाद पुलिस ने अतिरिक्त डीसीपी तिरुपथन्ना और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एन भुजंगा राव को गिरफ्तार किया है. ये दोनों स्पेशल इंटेलिजेंस विभाग में एडिशनल पुलिस अधीक्षक के रुप में तैनात थे. इन दोनों को शनिवार की देर रात को गिरफ्तार किया गया. इन दोनों गिरफ्तार किये गये अधिकारियों पर एक सस्पेंड हुए डीएसपी प्रवीत राव की जेल में मदद करने का आरोप लगा है. सस्पेंड हुए डीएसपी पर पिछली बीआरएस की सरकार के दौरान इलेक्ट्रानिक गैजेट से खुफिया जानकारी को नष्ठ करने कथित रूप से फोन टैप करने का आरोप है.
गिरफ्तार किए गए दोनों अधिकारियों ने कबूल किया है कि उन्होंने पहले से गिरफ्तार प्रणीत कुमार के साथ मिलजुलकर अपराध में अपनी संलिप्तता को छिपाने का प्रयास किया. उन दोनों अधिकारियों ने सार्वजनिक सम्पत्ति को नष्ट करने के साथ सबूतों को गायब करने, अपने सरकारी पदों का दुरुपयोग करने, कुछ निजी लोगों पर अवैध रुप से नजर रखने और साजिश में शामिल होने की बात स्वीकार की है.
सस्पेंड और जेल बंद प्रणीत राव को 13 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद उनको तेलंगाना सरकार ने निलंबित कर दिया था. उन पर अनजाने लोगों की प्रोफाइल बनाने और गुप्त रुप से उनकी निगरानी करने कम्पयूटर सिस्टम उसमें से अधिकारिक डेटा को नष्ट करने के साथ उस समय विपक्ष के नेताओं के फोन को टैप करने के आरोप लगे हैं.
मार्च में एसआईबी के एडिशनल पुलिस सुपरिंटेंडेंट के जरिए दायर एक शिकायत पर एक अधिकारी के द्वारा अपराधिक विश्वघात, सबूतों को गायब करने अपराधिक साजिश के आरोप में पंजागुट्टा पुलिस स्टेशन में उनके साथ अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।