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जातियों में आग लगाकर चुनावी नैया पार लगाने की कोशिश, जातिगत सर्वे पर बोले प्रशांत किशोर

पटना: बिहार सरकार द्वारा जारी किए गए जातिगत सर्वे के आंकड़े को लेकर राज्य में सियासी संग्राम जारी है. इस बीच जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने जातिगत सर्वे को लेकर नीतीश कुमार सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा है कि जिन्होंने जातिगत सर्वे करवा लिए उन्हें समाज की बेहतरी […]

(चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर)
inkhbar News
  • Last Updated: October 4, 2023 17:33:50 IST

पटना: बिहार सरकार द्वारा जारी किए गए जातिगत सर्वे के आंकड़े को लेकर राज्य में सियासी संग्राम जारी है. इस बीच जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने जातिगत सर्वे को लेकर नीतीश कुमार सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा है कि जिन्होंने जातिगत सर्वे करवा लिए उन्हें समाज की बेहतरी से किसी प्रकार का कोई लेना-देना नहीं है. जातिगत सर्वे जातियों के बीच आग लगाकर 2024 में चुनावी नैया पार लगाने की अंतिम कोशिश है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार पिछले 18 सालों से बिहार की सत्ता में हैं. वे अब क्यों जातिगत सर्वे करवा रहे हैं. पिछले 18 सालों में उन्हें यह नहीं याद आया.

दलितों और मुस्लिमों के लिए क्या किया?

प्रशांत किशोर ने कहा कि आजादी के बाद से ही दलितों की जनगणना हो रही है, उसकी दशा क्यों नहीं सुधरी है? दलितों के लिए आपने क्या किया है? इसके साथ ही मुसलमानों की जनगणना हुई है, फिर भी उनकी हालत सुधर क्यों नहीं रही है? किशोर ने कहा कि आज बिहार में दलितों के बाद सबसे ज्यादा मुसलमानों की हालत खराब है लेकिन इस पर कोई बात नहीं कर रहा है.

जनता को उलझा रही है राज्य सरकार

प्रशांत किशोर ने आगे समझाते हुए कहा कि सिर्फ जातियों की जनगणना से ही लोगों की स्थिति नहीं सुधरेगी. अगर जनगणना के मुताबिक बिहार के 13 करोड़ लोग सबसे गरीब और पिछड़े हैं और ये जानकारी सरकार के पास मौजूद है तो वे इसे क्यों नहीं सुधारते. किशोर ने कहा कि बिहार सरकार सिर्फ जनता को उलझा रही है कि आधे लोग जनगणना के पक्ष में लग जाए और आधे लोग जनगणना के विपक्ष में लग जाएं. इसके बाद कोई भी इसकी चर्चा न करे कि बिहार के स्कूलों में पढ़ाई हो रही है की नहीं, युवाओं को रोजगार मिल रहा है की नहीं. नीतीश कुमार एक बार जाति में आग लगाकर अपनी रोटी सेंक कर फिर से मुख्यमंत्री बन जाए.