पंजाब. सोमवार को भारत ने डेरा बाबा नानक में करतारपुर साहिब गलियारे की नींव रखी. वहीं बुधवार को पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर का उद्धाटन कर रहा है. लेकिन इस दौरान भी पाक ने खलिस्तान का मुद्दा छेड़ने का मौका नहीं गंवाया. पाकिस्तान और भारत के पंजाब के कई जिलों में रेफरेंडम 2020 के पोस्टर लगे दिखे. बता दें कि रेफरेंडम 2020 अभियान का उद्देश्य है की पंजाब को भारत से अलग कर दिया जाए. ये पोस्टर पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने लगाए हैं.
इन में से कई पोस्टरों पर भारत विरोधी नारे लिखे गए हैं. साथ ही वहां खलिस्तान आतंकी संगठन प्रमुख जरनैल सिंह भिंडरांवाले के पोस्टर भी देखे गए. भारतीय एजेंसियों के अनुसार पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई सिख समुदाय को उकसाने के लिए इस तरह के तरीके अपना रही है. वहीं कॉरिडोर उद्धाटन समारोह में भारत से केंद्रीय मंत्रियों के जाने पर पाकिस्तान ने सराहना की है. पाकिस्तान ने इसे सकारात्मक प्रतिक्रिया बताया है. लेकिन वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान भारत के खिलाफ जाकर खलिस्तानी संगठनों की आर्थिक सहायता भी कर रहा है.
हालांकि भारतीय सरकार आईएसआई और खलिस्तान की इन हरकतों से वाकिफ है और उनपर पूरी नजर भी बनाए हुए है. इससे पहले भारतीय अधिकारियों ने यूके सरकार को एक दस्तावेज भेजा था. इसके जरिए उन्होंने 12 अगस्त 2018 को लंदन में ट्राफलगर स्क्वायर में लिस्तान समारोह ‘जनमत संग्रह 2020’ के आयोजन के लिए परमजीत सिंह पामा को भारत को सौंपने की मांग की. पामा भारत में राष्ट्रीय सिख संगत पंजाब के प्रमुख रुल्दा सिंह की जुलाई 2009 में हत्या करने के लिए वांटेड है.
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