नई दिल्ली। लोकसभा सचिवायल ने लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल को बड़ी राहत देते हुए सदन की सदस्यता को बहाल कर दी है। ऐसे में अब कई राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे ही राहुल गांधी के केस में भी उनकी लोकसभा सदस्यता को बहाल की जा सकती है।

क्या कहता है जन प्रतिनिधित्व कानून

लक्षद्वीप के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी नेता मोहम्मद फैजल को हत्या के प्रयास के मामले में 10 साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत इनकी लोकसभा सदस्यता को रद्द कर दिया गया था।

लेकिन इस मामले में पूर्व सासंद का कहना था कि केरल हाई कोर्ट ने उनकी 10 साल की सजा और दोषसिद्धि दोनों पर रोक लगा दी है और उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल होनी चाहिए। दरअसल जनप्रतिनिधित्व कानून कहता है कि अगर किसी सांसद या विधायक को 2 साल या उससे ज्यादा की सजा होती है, तो उसके सदन की सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी।

सजा के बाद राहुल गांधी की गई सदस्यता

बता दें कि कांगेस नेता और पूर्व वायनाड सांसद राहुल गांधी को सूरत जिला कोर्ट ने मोदी सरनेम को लेकर 2 साल की सजा सुनाई थी। इसके अगले ही दिन राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता को खत्म कर दिया गया था, जिसको लेकर देशभर में विपक्षी दल के नेताओं ने खूब हंगामा किया था। राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता, जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत ही गई थी।

कांग्रेस समर्थकों को नई आस

गौरतलब है कि जिस तरह लक्षद्वीप के एनसीपी नेता मोहम्मद फैजल 10 साल की सजा के बाद लोकसभा की सदस्यता को बहाल कर दिया गया है। कांग्रेस समर्थकों का कहना है कि कांग्रेस नेता की लोकसभा सदस्यता को भी इसी तरह से बहाल किया जा सकता है।