नई दिल्ली, रेलवे स्टेशन से लेकर टिकट बुकिंग काउंटर तक रेलवे ने 51,200 रेलकर्मियों को कर्मयोगी के रूप में प्रशिक्षित किया है. रेलवे ने यह कदम यात्रियों की सहूलियत के लिए उठाया है. प्रधानमंत्री कर्मयोगी मिशन की घोषणा के बाद रेलवे पहला ऐसा मंत्रालय है जिसने इतनी भारी संख्या में कर्मयोगियों को ट्रेन किया है.
कर्मयोगी मिशन के तहत कर्मयोगियों को सेवाभाव, प्रोफेशनल बर्ताव समेत आठ आधारों पर ट्रेनिंग दी गई है. IRITM (Indian Railways Institute of Transport Management) की डीजी चंद्रलेखा मुखर्जी के मुताबिक, अगर अचानक किसी ट्रेन के आने का प्लेटफॉर्म नंबर बदल जाता है और रेलगाड़ी के दूसरे प्लेटफॉर्म पर आने की सूचना मिलती है तो इसे कर्मयोगी प्रोफेशनली कैसे संभालेंगे जिससे भगदड़ न मचे, इसकी उन्हें ट्रेनिंग दी गई है.
बता दें अब टिकट काउंटर पर रीजर्वेशन फॉर्म भरने में दिक्कत से लेकर हर एक समस्या का समाधान कर्मयोगी करेंगे. इन तमाम कर्मयोगियों को ट्रेनिंग के बाद एक बैज के सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा. साथ ही, ज़ोनवाइज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये करीब 1 लाख से ज़्यादा रेलकर्मियों को कर्मयोगी और 1 हजार को मास्टर ट्रेनर बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से अबतक 51,200 कर्मयोगी को सर्फिकेट दिया जा चुका है. रेलवे के कर्मयोगियों में स्टेशन मास्टर, टिकट कलेक्टर, टिकट एग्जामनर समेत कई रेलकर्मी शामिल हैं.
दरअसल, केंद्र सरकार ने 2020 में मिशन कर्मयोगी कार्यक्रम को लांच किया था और 5 केंद्रीय मंत्रलाय को कर्मयोगियों को ट्रेन करने का लक्ष्य दिया था.
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