Raja Raghuvanshi Murder Case:राजा रघुवंशी मर्डर केस में लागातार खुलासे हो रहे हैं अब मामले में एक और खुलासा हुआ है जिसे सुन कर हर कोई दंग रह गया है मामले में एक और शख्स का नाम सामने आया है जिसके कारनामे जान कर पुलिस भी दंग रह गई है। वो नाम कोई और नहीं बल्कि विशाल चौहान है। बता दें विशाल चौहान वही हैं जो राजा रघुवंशी के मर्डर में शामिल था। राज ने अपने तीन दोस्त आनंद कुर्मी और आकाश ठाकुर और विशाल के साथ मिलकर राज के राजा के मौत की पूरी पटकथा लिखी थी।
इन तीनों ने राजा को मारने की सुपारी नहीं ली थी, बल्कि राज के दोस्ती में ये सब करने को तैयार हो गए थे। राज ने ही इन्हें 50 हजार रुपये खर्च देकर राजा की हत्या करने के लिए शिलॉन्ग भेजा था।
इंदौर में लिया गया फ्लैट
अब तक की जांच में पता चला है कि मेघालय में राजा रघुवंशी हत्याकांड की मास्टरमाइंड सोनम और उसका प्रेमी राज ही थे। लेकिन, एक और नाम है जिसने राजा की हत्या के साथ-साथ कई मौकों पर सोनम की हद से ज्यादा मदद भी की। यह नाम है विशाल चौहान, जिसके नाम पर सोनम को छिपाने के लिए इंदौर में किराए का फ्लैट लिया गया था।
विशाल चौहान ने किया पहला वार
23 मई को राजा रघुवंशी की हत्या के साक्ष्य जुटा रही मेघालय पुलिस ने बुधवार को जब क्राइम सीन रीक्रिएट किया तो पता चला कि विशाल चौहान ने ही राजा के सिर पर पहली बार दाव से हमला किया था। पहले हमले से जब राजा लहूलुहान होकर गिर पड़ा तो इन लोगों ने उस पर कई बार हमला किया।
14 दिन तक छिपी रही सोनम
हत्या करने के बाद सोनम इंदौर वापस आ गई और जिस किराए के फ्लैट में वह 14 दिन तक छिपी रही, वह भी विशाल के नाम पर था। यह फ्लैट कोई साधारण फ्लैट नहीं था, बल्कि विशाल ने राज के साथ लंबी तलाश के बाद इसे चुना था। दरअसल, राजा की हत्या की योजना बनाते समय यह तय किया गया था कि सोनम को कई दिनों तक छिपना होगा।
सोनम के लिए ऐसी जगह ढूंढनी थी जहां लोगों की आवाजाही कम हो, सीसीटीवी कैमरे न हों और वहां उसकी मौजूदगी पर कोई सवाल न उठे। विशाल ने यह काम अपने हाथ में लिया और कई दिनों की तलाश के बाद उसकी नजर देवास नाका इलाके में एबी रोड पर गांधी बाग कॉलोनी में बनी नई बिल्डिंग पर पड़ी।
इस बिल्डिंग में उस समय सीसीटीवी लगाने और फर्नीचर का काम चल रहा था। विशाल को यह जगह सोनम के छिपने के लिए बिल्कुल सही लगी। शाम को वह राज से फ्लैट के बारे में बात करने के लिए इस बिल्डिंग में पहुंचा। यहां उसने सोनम के लिए ग्राउंड फ्लोर पर जी-वन फ्लैट चुना और प्रॉपर्टी कंसल्टेंट शिलोम जेम्स को 51,000 रुपए दिए।
51,000 किए थे डिपॉजिट
51,000 में से 17,000 रुपए फ्लैट का किराया और 38,000 रुपए दो महीने की डिपॉजिट राशि थी। एग्रीमेंट के लिए विशाल ने अपना आधार कार्ड भी दिया। उसने शिलोम को बताया कि वह स्टील और प्लाईवुड से जुड़ी चीजों की डिजाइनिंग करता है और जल्द से जल्द यहां शिफ्ट होना चाहता है। उसने यह भी कहा कि कभी-कभी उसकी बड़ी बहन और माता-पिता कुछ दिनों के लिए रहने के लिए आते हैं।
बड़ी बहन और माता-पिता की झूठी कहानी के पीछे उसका मकसद यह था कि कोई सोनम के बारे में पूछताछ न करे। 23 मई को राजा की हत्या के बाद सोनम 25 मई को इंदौर लौटी और 14 दिनों तक इसी फ्लैट में छिपी रही। मेघालय पुलिस जिस सोनम को खाई में ढूंढ रही थी, वो इंदौर में थी और किसी को इस बात की भनक तक नहीं लगी। राज ने सोनम के लिए 5000 रुपए का राशन ऑनलाइन मंगवाया और फ्लैट के पते पर भिजवा भी दिया।