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राजस्थान: गहलोत के सरकार बचाने वाले दावे को वसुंधरा राजे ने बताया साजिश, कही ये बड़ी बात

जयपुर। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता वसुंधरा राजे ने अशोक गहलोत के सरकार बचाने वाले बयान को साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि गहलोत ने मेरा जितना अपमान किया है, उतना कोई और नेता नहीं कर सकता। वह 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हारने के डर से झूठ बोल रहे हैं। […]

(वसुंधरा राजे सिंधिया-अशोक गहलोत)
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  • Last Updated: May 8, 2023 11:46:13 IST

जयपुर। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता वसुंधरा राजे ने अशोक गहलोत के सरकार बचाने वाले बयान को साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि गहलोत ने मेरा जितना अपमान किया है, उतना कोई और नेता नहीं कर सकता। वह 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हारने के डर से झूठ बोल रहे हैं। गहलोत अपनी ही पार्टी में हुई बगावत से बौखलाए हुए हैं, इसीलिए इस तरह के झूठे आरोप लगा रहे हैं।

CM अशोक गहलोत ने क्या कहा था?

इससे पहले रविवार को धौलपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान और गजेंद्र सिंह शेखावत ने हमारी सरकार के खिलाफ षडयंत्र किया था। इन्होंने कांग्रेस विधायकों को पैसे बांट दिए थे, लेकिन वसुंधरा राजे सिंधिया ने सरकार गिराने वालों का साथ नहीं दिया, जिसकी वजह से हमारी सरकार बच पाई।

शाह बहुत खतरनाक खेल खेलते हैं

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मैंने कांग्रेस विधायकों से बोला कि आपने जो भी पैसा बीजेपी के लोगों से लिया है अगर उसमें कुछ खर्च भी हो गए हैं तो मुझे बताओं मैं उसे वापस करवाऊंगा। मैं इस बारे में कांग्रेस अध्यक्ष से बात करूंगा, लेकिन आप सब बीजेपी का पैसा मत रखो, वे बाद में डराएंगे-धमकाएंगे। अमित शाह बहुत खतरनाक खेल खेलते हैं, उनका पैसा वापस कर दो।

वसुंधरा और कैलाश ने बचाई सरकार

सीएम गहलोत ने आगे कहा कि जब राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, शोभा रानी और कैलाश गहलोत को मालूम हुआ कि उनकी पार्टी के लोग कांग्रेस सरकार गिरा रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि हमारी कभी ऐसी परंपरा नहीं रही है कि चुनी हुई सरकार को पैसे के बल पर गिराए। इन्होंने सरकार गिराने वाले लोगों का साथ नहीं दिया, जिसकी वजह से हमारी सरकार बच पाई।

2020 में विधायकों ने की थी बगावत

बता दें कि, साल 2020 में सचिन पायलट के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत की थी। पायलट के साथ 18 कांग्रेस विधायक हरियाणा के मानेसर में करीब एक महीने तक डेरा डाले हुए थे। शुरूआत में ऐसा लगा था कि किसी भी वक्त अशोक गहलोत की सरकार गिर सकती है, लेकिन बागी विधायकों की संख्या ज्यादा नहीं होने से सरकार बच गई। बाद में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद राज्य में चल रहे सियासी गतिरोध को खत्म किया गया था।