नई दिल्ली, जिनका कोई नहीं होता उनका ऊपर वाला होता है. उसी ऊपर वाले की भूमिका निभा रहे है जोधपुर के राजेंन्द्र. 1982 से निभा रहें है राजेंन्द्र पिता का फर्ज। राजस्थान के जोधपुर में एक दयालु पिता ऐसे भी हैं जिनके 52 बच्चे हैं और 8 बच्चे 1 साल से कम हैं. 20 बेटियों की शादी अब तक कर चुके हैं। 20 बेटियों के 40 बच्चे हैं जो उन्हें प्यार से नाना बुलाते हैं. जोधपुर के चौपासनी हाउसिंग बोर्ड स्थित नवजीवन संस्था के प्रभारी राजेन्द्र परिहार करीब 52 अनाथ बच्चों का पालन पोषण कर रहे हैं ।
राजेन्द्र परिहार अपना अधिक से अधिक समय इन बच्चों की देखभाल करने में बिताते हैं. हालांकि उन्होंने साथ में 32 लोगों का स्टाफ रखा है. बच्चे भी राजेन्द्र परिहार के साथ बहुत खुश हैं. इन बच्चों में 10 बच्चे अब नॉर्मल भी हैं. जैसे ही वे राजेन्द्र परिहार को देखते हैं, उनके चेहरे पर मुस्कान आ जाती है. परिहार भी सभी बच्चो का पिता की तरह खयाल रखते हैं।
परिहार कहते है कि नवजीवन संस्था 1982 से चल रही है. राजेंद्र 20 बेटियों की अब तक शादी कर चुके हैं. उनका मायका भी यही संस्थान है. और सभी का पहला प्रसव भी उन्होंने इस संस्थान में ही करवाया. छुट्टियों में यह बेटियां भी अपने बच्चों के साथ यहां आती है. हालांकि राजेन्द्र परिहार के स्वयं के 3 बच्चे हैं, जिनमें दो बेटी और एक बेटा है. दोनों बेटियां जोधपुर से बाहर हैं और बेटा उनके साथ है।
इस संस्था में सभी बेटियां ही है. यहां रहने वाले बच्चों का कहना है कि हमारे पापा कौन हैं यह पता नहीं, हमने तो बचपन से इनको ही देखा है और यही हमारे पापा हैं. वे बताते है कि फादर्स डे को वह अच्छे से सेलिब्रेट करते हैं राजेन्द्र परिहार स्वयं बच्चों को डांस क्लास छोड़ने जाते हैं. कई बार स्कूल भी खुद ही छोड़ते व लाते हैं. बच्चों का इतना लगाव है कि वह पिता की तरह परिहार से अपनी फ़रमाइश कर डालती हैं. इन बच्चों ने फादर्स डे पर मेहरानगढ फोर्ट देखने का आग्रह किया तो परिहार बडी जल्दी मान गए और फादर्स डे पर रविवार को फोर्ट विजिट करवाने ले गए।
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