Rajnath Singh: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 10 जून को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में ‘राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद’ पर एक संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की सुरक्षा नीति में आमूलचूल परिवर्तन हुआ है और ऑपरेशन सिंदूर इसका जीता जागता उदाहरण है।
रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि ऑपरेशन सिंदूर भारतीय इतिहास में आतंकवाद के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई है, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर कायराना आतंकवादी हमले के जवाब में की गई थी। यह हमला देश की सामाजिक एकता पर हमला था और भारत ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी ठिकानों को नष्ट करके आतंकवादियों और उनके संरक्षकों को करारा जवाब दिया।
उन्होंने कहा, “अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर शांति और विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिसे पाकिस्तान पचा नहीं पाया और उसने आतंकी हमले किए। लेकिन आज भी वह कश्मीर में विकास को रोक नहीं पाया है। उधमपुर-श्रीनगर-बडगाम रेलवे लिंक इसका सबूत है। जल्द ही पीओके भी कहेगा- मैं भी भारत हूं।”
राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवाद सिर्फ सुरक्षा का मामला नहीं है, बल्कि यह मानवता की मूल भावना पर हमला है। आतंकवाद एक विकृत मानसिकता है, जो शांति, लोकतंत्र और सह-अस्तित्व का सबसे बड़ा दुश्मन है। पहलगाम जैसे हमले भविष्य में न हों, इसके लिए सरकार ही नहीं, बल्कि समाज के हर व्यक्ति को सतर्क रहना होगा।
रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान पर कटाक्ष करते हुए कहा, “भारत और पाकिस्तान एक साथ आजाद हुए। आज भारत ‘लोकतंत्र की जननी’ बन गया है, जबकि पाकिस्तान ‘आतंकवाद का जनक’ बन गया है। पाकिस्तान ने हमेशा आतंकवादियों को पाला, प्रशिक्षित किया और पनाह दी है।” संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा पाकिस्तान को आतंकवाद विरोधी पैनल का उपाध्यक्ष बनाए जाने पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा, “यह वही पाकिस्तान है जहां 9/11 हमले का मास्टरमाइंड छिपा हुआ था, जहां हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादी खुलेआम घूमते हैं और पाक सेना के अधिकारी उनके जनाजे में शामिल होते हैं। ऐसे देश को वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ नेतृत्व सौंपना अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की मंशा पर सवाल उठाता है।”
राजनाथ सिंह ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे पाकिस्तान को मिलने वाली विदेशी फंडिंग को तुरंत रोकें। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान को दिया जाने वाला एक-एक पैसा आतंक के ढांचे को मजबूत करता है। पाकिस्तान आतंकवाद की नर्सरी है और अब उसे इसे पोषण देना बंद करना होगा।”
उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान अपने दम पर आतंकवाद को नहीं रोक सकता है, तो भारत उसकी मदद करने के लिए तैयार है। “ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को दिखा दिया है कि भारतीय सेना सीमा के दोनों तरफ आतंकवाद को खत्म करने में सक्षम है।”
रक्षा मंत्री ने कहा कि आज भारत न केवल अपनी सीमाओं को मजबूत कर रहा है, बल्कि मेड इन इंडिया हथियारों से अपनी सामरिक, आर्थिक और तकनीकी क्षमताओं को भी मजबूत कर रहा है। “पहले हम विदेशी हथियारों पर निर्भर थे, आज हमारे पास स्वदेशी मिसाइलें हैं – अग्नि, पृथ्वी, ब्रह्मोस, टैंक और आईएनएस विक्रांत जैसे विमानवाहक पोत।” म्नत्री सिंह ने कहा कि साल 2013-14 में रक्षा बजट 2.53 लाख करोड़ रुपए था, जो 2024-25 में बढ़कर 6.22 लाख करोड़ पहुँच गया है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि आज के दौर में सूचना सबसे बड़ा हथियार है, और यही सबसे बड़ी चुनौती भी है। “ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने फर्जी वीडियो और झूठी खबरों के जरिए हमारे सैनिकों और आम जनता का मनोबल गिराने की साजिश रची। युद्ध भले ही बंद हो गया हो, लेकिन सूचना युद्ध अभी भी जारी है।”
उन्होंने हर नागरिक से सामाजिक सैनिक बनने की अपील की – “झूठी खबरें फैलाकर हम अनजाने में दुश्मन के हथियार बन जाते हैं। अब समय आ गया है कि हम सभी सूचना युद्ध में सबसे पहले जवाब दें।”