Inkhabar
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • Rakesh Dhar Tripathi: यूपी के पूर्व शिक्षा मंत्री राकेश धर को 3 साल की सजा, आय से अधिक संपत्ति का मामला

Rakesh Dhar Tripathi: यूपी के पूर्व शिक्षा मंत्री राकेश धर को 3 साल की सजा, आय से अधिक संपत्ति का मामला

लखनऊ: यूपी के पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री राकेश धर त्रिपाठी (Rakesh Dhar Tripathi) को आय से अधिक संपत्ति के मामले में 3 साल की सजा मिली है. प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. कोर्ट ने राकेशधर त्रिपाठी को 3 साल की कैद और 10 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है. फैसला […]

यूपी के पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री राकेश धर त्रिपाठी (Rakesh Dhar Tripathi)
inkhbar News
  • Last Updated: December 22, 2023 16:31:11 IST

लखनऊ: यूपी के पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री राकेश धर त्रिपाठी (Rakesh Dhar Tripathi) को आय से अधिक संपत्ति के मामले में 3 साल की सजा मिली है. प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. कोर्ट ने राकेशधर त्रिपाठी को 3 साल की कैद और 10 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है. फैसला आते ही राकेश त्रिपाठी ने कोर्ट में जमानत की अर्जी दाखिल कर दी थी, जो मंजूर हो गई है.

राकेश को जेल नहीं जाना होगा

जानकारी हो कि पहले कोर्ट ने राकेश धर त्रिपाठी (Rakesh Dhar Tripathi) को कस्टडी में लेकर जेल भेजने का आदेश दिया था. पर स्पेशल कोर्ट ने पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी को 40 दिन के लिए अंतरिम जमानत दे दी है. इसलिए अब उन्हें जेल नहीं जाना पड़ेगा. इसके साथ ही अब राकेशधर त्रिपाठी सजा के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिवीजन दाखिल कर सकेंगे.

2012 में दर्ज हुआ केस

जानकारी हो कि पूर्व कैबिनेट मंत्री राकेश धर त्रिपाठी के खिलाफ विजिलेंस के इंस्पेक्टर रामसुख राम ने प्रयागराज के मुठ्ठीगंज थाने में 23 नवंबर 2012 को केस दर्ज कराया था. इसके बाद उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत आरोप तय किया गया था. फैसला सुनाए जाते वक्त वो कोर्ट रूम में ही भावुक हो गए. जानकारी हो कि राकेश धर त्रिपाठी यूपी की राजनाथ सिंह सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं और फिलहाल वो केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की अगुवाई वाली अपना दल एस में थे.

यह है मामला

बता दें कि राकेशधर त्रिपाठी 1 मई 2007 से 31 दिसंबर 2011 के बीच यूपी के उच्च शिक्षा मंत्री के पद पर रह चुके हैं. इस दौरान उन्होंने आय से समस्त वैध स्रोतों से 49 लाख 49 हजार 928 रुपए अर्जित किया. लेकिन इस बीच उन्होंने संपत्ति अर्जन और भरण पोषण पर 2 करोड़ 67 लाख रुपए से ज्यादा खर्च किया. यह उनकी वैध आय से 2 करोड़ 17 लाख रुपए अधिक है. कोर्ट में इसका जवाब मांगने पर पूर्व मंत्री संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दे सके थे.

यह भी पढ़ें: Parliament MPs Suspension: हर बार विपक्षी सांसद ही क्यों होते हैं सस्पेंड, समझिए इन 5 बातों से