Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या की पावन धरती एक बार फिर भक्ति और संस्कृति के रंग में रंगने को तैयार है. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल पर रामदरबार और परकोटा क्षेत्र के 13 अन्य मंदिरों में 5 जून 2025 को गंगा दशहरा के पावन अवसर पर प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित होगा. यह ऐतिहासिक आयोजन अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11:25 से 11:40 बजे तक संपन्न होगा. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा “यह समारोह करोड़ों रामभक्तों की आस्था का प्रतीक है जो युगों से प्रभु राम के भव्य दरबार का स्वप्न देख रहे थे.”

तीन दिवसीय अनुष्ठान की भव्य शुरुआत

प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयारियां 30 मई से शुरू होंगी. जब परिसर में नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा होगी. 2 जून को मातृ शक्तियां सरयू तट से पुराने आरती स्थल, श्रृंगारघाट, हनुमानगढ़ी, और दशरथ महल होते हुए यज्ञ मंडप तक भव्य जल कलश यात्रा निकालेंगी. 3 जून को सुबह 6:30 बजे से यज्ञ मंडप में पूजन और अग्नि स्थापना के साथ अनुष्ठान शुरू होगा. जो रात 9 बजे तक चलेगा. 4 जून को विभिन्न अधिवास और पालकी यात्रा का आयोजन होगा. 5 जून को सुबह 5:30 बजे से वैदिक पूजा शुरू होगी जो अभिजीत मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा के साथ सम्पन्न होगी.

14 मंदिरों में होगी प्राण प्रतिष्ठा

राम मंदिर के प्रथम तल पर रामदरबार में भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी की मूर्तियां स्थापित की गई हैं. परकोटा क्षेत्र में 6 मंदिरों में भगवान शिव, सूर्य, गणेश, हनुमान, माता भगवती, और माता अन्नपूर्णा की मूर्तियां हैं. सप्त मंडपम में 7 मंदिरों में महर्षि वाल्मीकि, विश्वामित्र, अगस्त्य, वशिष्ठ, निषादराज, अहिल्या, और शबरी की मूर्तियां प्रतिष्ठित होंगी. शेषावतार मंदिर में लक्ष्मण जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी. ये मूर्तियां जयपुर के श्वेत संगमरमर से बनी हैं और दो-दो फुट ऊंचे सिंहासनों पर विराजेंगी.

101 आचार्य और योगी की उपस्थिति

इस भव्य अनुष्ठान को काशी के विद्वान पंडित जयप्रकाश के नेतृत्व में अयोध्या और काशी के 101 वैदिक आचार्य संपन्न कराएंगे. इसमें वाल्मीकि रामायण पाठ, चारों वेदों का मंत्रोच्चार, और यज्ञशाला पूजन शामिल होगा. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य यजमान के रूप में मौजूद रहेंगे. उनके साथ काशी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अवधेशानंद गिरी, आचार्य विद्या रामानुजाचार्य, सौभाग्य नारायणाचार्य, और अन्य संत-धर्माचार्य शामिल होंगे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS), विश्व हिंदू परिषद (VHP), और ट्रस्ट के पदाधिकारी भी समारोह में भाग लेंगे.

श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था

प्राण प्रतिष्ठा के बाद 6 जून से भक्त रामदरबार और अन्य मंदिरों के दर्शन कर सकेंगे. ट्रस्ट ने प्रथम तल के दर्शन के लिए ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर प्रतिदिन 750 पास जारी करने का निर्णय लिया है. जिसमें प्रति घंटे 50 पास उपलब्ध होंगे. मंदिर के भूतल पर रामलला के दर्शन निर्बाध रूप से जारी रहेंगे. भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया मंदिर का निर्माण कार्य 5 जून तक पूरा हो जाएगा, सिवाय भगवान राम की कहानी को दर्शाने वाले भित्ति चित्रों के.

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