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टाटा ग्रुप के ‘रतन’ को कितनी मिलती थी सैलरी? हर मिनट की कमाई जानकर हैरान हो जाएंगे

नई दिल्लीः देश ने महान उद्योगपति रतन टाटा को 9 अगस्त की रात को खो दिया।  वह सिर्फ एक अरबपति नहीं बल्कि एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने टाटा ग्रुप के साथ देश के करोड़ों लोगों के लिए बहुत कुछ किया है। उन्हे अपने सादा जीवन और परोपकारी कार्यों के लिए बहुत प्यार किया जाता है। […]

Ratan Tata Salary
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  • Last Updated: October 11, 2024 08:59:09 IST

नई दिल्लीः देश ने महान उद्योगपति रतन टाटा को 9 अगस्त की रात को खो दिया।  वह सिर्फ एक अरबपति नहीं बल्कि एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने टाटा ग्रुप के साथ देश के करोड़ों लोगों के लिए बहुत कुछ किया है। उन्हे अपने सादा जीवन और परोपकारी कार्यों के लिए बहुत प्यार किया जाता है। रतन टाटा का बिजनेस 100 से ज्यादा देशों में फैला हुआ है। उनके निधन पर पूरा देश दुखी है। वो ‘अनमोल रतन’ जिन्होंने इतने सफल कारोबार खड़े किए। जिन्होंने भारत के उद्योग जगत को नई ऊंचाइयां दीं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि टाटा चेयरमैन के तौर पर खुद रतन टाटा को कितनी सैलरी मिलती थी?

ऐसा रहा टाटा का करियर

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में हुआ था। वे नवल टाटा और सूनी टाटा के बेटे थे। 17 साल की उम्र में रतन टाटा अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में पढ़ने चले गए, जहां उन्होंने आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। फिर 1962 में भारत लौटने के बाद वे टाटा ग्रुप में बतौर असिस्टेंट शामिल हो गए।

करीब 12 साल तक टाटा समूह में अलग-अलग पदों पर काम करने के बाद रतन टाटा 1974 में टाटा संस के बोर्ड में बतौर डायरेक्टर शामिल हुए। 1991 में वे टाटा संस के चेयरमैन बने। उन्होंने 2012 में चेयरमैन का पद छोड़ दिया।

इतनी थी टाटा की सैलरी

कहा जाता है कि टाटा संस के चेयरमैन के तौर पर रतन टाटा की सैलरी करीब 2.5 करोड़ रुपये सालाना थी, यानी करीब 20.83 लाख रुपये महीना। करीब 70 हजार रुपये प्रतिदिन। लगभग 48-49 रुपये प्रति मिनट। यह आंकड़ा भारत के किसी भी दूसरे बड़े उद्योगपति की प्रति मिनट कमाई से काफी कम है।  इससे आपके मन में सवाल उठ सकता है कि रतन टाटा का वेतन इतनी कम क्यों था? दरअसल रतन टाटा के लिए निजी संपत्ति बढ़ाने से ज्यादा कंपनी का मुनाफा और लोगों की भलाई ज्यादा जरूरी थी।

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