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NDA में बगावत, राहुल की जुबान बोलने लगे कई नेता! आनन-फानन में मोदी-शाह ने लिया ये फैसला

नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार के UPSC में लेटरेल एंट्री वाले फैसले से सत्ताधारी गठबंधन एनडीए बंट गया. NDA में शामिल कई दलों ने इस फैसले का खुले-तौर पर विरोध किया. कई दलों के नेताओं के स्वर तो विपक्षी दलों से मेल खाने लगे. जिसके बाद सियासी गलियारों में मोदी सरकार पर खतरे को लेकर […]

Nitish Kumar-Chirag Paswan-PM Modi
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  • Last Updated: August 20, 2024 18:59:53 IST

नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार के UPSC में लेटरेल एंट्री वाले फैसले से सत्ताधारी गठबंधन एनडीए बंट गया. NDA में शामिल कई दलों ने इस फैसले का खुले-तौर पर विरोध किया. कई दलों के नेताओं के स्वर तो विपक्षी दलों से मेल खाने लगे. जिसके बाद सियासी गलियारों में मोदी सरकार पर खतरे को लेकर भी चर्चा होने लगी. इस बीच केंद्र सरकार ने आनन-फानन में अपने फैसले को वापल ले लिया.

45 पदों पर होनी थी भर्ती

बता दें कि UPSC ने बीते 17 अगस्त को सीनियर अधिकारियों की नियुक्ति के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था. इस दौरान यूपीएससी को कुल 45 पदों पर भर्ती करनी थी. ये पद लेटरल एंट्री के जरिए भरे जाने थे. जिसमें 10 संयुक्त सचिव और 35 निदेशक और उप सचिव के पद शामिल थे. इन 45 पदों पर भर्ती के बाद अधिकारियों को केंद्र सरकार के 24 मंत्रालयों में नियुक्त किया जाना था.

दबाव में पीछे हटी सरकार

हालांकि, विपक्षी पार्टियों और अपने सहयोदी दलों के दबाव में नरेंद्र मोदी सरकार को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा है. लेटरल एंट्री के इन पदों का नोटिफिकेशन आते ही इसका भारी विरोध शुरू हो गया. एक ओर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बसपा समेत कई विपक्षी दल तो इसका विरोध कर ही रहे थे. लेकिन सत्ताधारी एनडीए में शामिल जेडीयू और लोजपा (राम विलास) ने भी मोदी सरकार के इस फैसले का विरोध किया. जिसके बाद अब मोदी सरकार के आदेश के बाद यूपीएससी ने लेटरल एंट्री के नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया है.

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