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मतगणना से पहले तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया था EVM हैकिंग का फर्जी लेटर !

गुजरात स्टेट इलेक्शन कमिश्नर ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें इस तरह का कोई भी पत्र नहीं मिला है और न ही गांधीनगर में कोई के एल परमार नाम का डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर है.

तेजस्वी यादव
inkhbar News
  • Last Updated: December 19, 2017 15:12:06 IST

नई दिल्ली. चुनावों के वक्त ईवीएम पर सवाल उठना लगभग कंपलसरी हो गया है. गुजरात चुनावों में भी ईवीएम पर विपक्षी पार्टी ने सवाल उठाए. ऐसे में बीजेपी विरोध में बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने एक पत्र ट्वीट कर दिया जोकि फर्जी पाया गया. तेजस्वी यादव ने इसे व्हाट्सएप के हवाले से शेयर किया था. साथ ही इसकी विश्वसनियता को भांपने के लिए पढ़ने वालों के विवेक पर डाल दिया था लेकिन यह तेजी से वायरल हो गया.

तेजस्वी यादव ने 17 दिसंबर को एक पत्र ट्वीट किया जोकि गांधीनगर डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर के नाम से जारी किया गया था. इस पत्र को स्टेट इलेक्शन कमिशन ऑफ गुजरात के लिए लिखा गया है. यह पत्र चुनाव के रिजल्ट वाले दिन पूरे दिन सोशल मीडिया पर वायरल रहा. इस पत्र को तेजस्वी यादव के पिता और राजद मुखिया लालू यादव ने भी रीट्वीट किया.

पत्र में लिखा गया है कि टेलिकॉम कंपनियों की सहायता से ईवीएम हैक की जा सकती हैं. टाटा डोकोमो, रिलायंस जियो, वोडाफोन और रिलायंस के पुराने नेटवर्क के सहारे ईवीएम को हैक किया जा सकता है. हम इस निष्कर्ष के बहुत करीब पहुंच चुके हैं कि ईवीएम मशीन की माइक्रो चिप को इन नेटवर्क के सहारे हैक किया जा सकता है. इसीलिए चुनाव आयोग को जरूरत है कि ईवीएम को हैकिंग से बचाने के लिए वोट काउंटिंग के दिन इन कंपनियों का नेटवर्क बंद करने का आदेश दे. पत्र में लोकतंत्र को बचाने के लिए चुनाव आयोग को ऐसा करने के आदेश जारी किए गए हैं.

सोशल मीडिया पर घूमते इस पत्र की पड़ताल में पाया गया कि यह पूरी तरह फर्जी है. गुजरात स्टेट इलेक्शन कमिश्नर ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें इस तरह का कोई भी पत्र नहीं मिला है और न ही गांधीनगर में कोई के एल परमार नाम का डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर है. टाइम्स ऑफ इंडिया के पत्रकार कपिल दवे ने भी इस बात की पुष्टि की है. वहीं अहमदाबाद मिरर के पत्रकार हिरेन उपाध्याय ने ट्वीट किया कि इस मामले में अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने अज्ञात के खिलाफ अफवाह फैलाने का मामला दर्ज कर लिया है.

सोशल मीडिया पर फर्जी अफवाहों का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले लालू प्रसाद यादव एक फोटो ट्वीट कर ट्रोल हुए थे. पटना के गांधी मैदान में महागठंबधन की रैली के वक्त लालू यादव ने एक फोटो ट्वीट किया था. इस फोटो के ट्वीट करने के कुछ ही समय बाद लोगों ने इसे फोटोशॉप बताते हुए ट्रोलिंग शुरू कर दी थी. साथ ही लोगों ने रियल फोटो भी ट्वीट किया था.

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