Jammu Kashmir Assembly: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ कानून को लेकर मंगलवार को भारी हंगामा देखने को मिला. इस मुद्दे पर नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच तीखी नोकझोंक हुई. जिसके बाद आम आदमी पार्टी (AAP) और बीजेपी के विधायकों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया. हंगामे के बीच मारपीट की नौबत तक आ गई और एक-दूसरे पर धमकी देने के आरोप भी लगे. इस उथल-पुथल के कारण विधानसभा की कार्यवाही को तीन घंटे के लिए स्थगित करना पड़ा.

वक्फ कानून पर चर्चा की मांग से शुरू हुआ विवाद

नेशनल कॉन्फ्रेंस ने विधानसभा में वक्फ अधिनियम पर चर्चा की मांग उठाई. एनसी विधायकों का कहना था कि यह मुद्दा जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए बेहद अहम है और इस पर खुली बहस होनी चाहिए. हालांकि बीजेपी विधायकों ने इस मांग का कड़ा विरोध किया. बीजेपी का तर्क था कि यह मामला पहले से ही केंद्र सरकार के विचाराधीन है और विधानसभा में इसकी चर्चा का कोई औचित्य नहीं है. इसी बीच कार्य स्थगन प्रस्ताव को स्पीकर द्वारा खारिज किए जाने से माहौल और गरमा गया.

AAP और बीजेपी विधायकों में भिड़ंत

विवाद तब और बढ़ गया जब AAP विधायकों ने एनसी के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद की. AAP विधायकों ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह इस संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा से भाग रही है. दूसरी ओर बीजेपी विधायकों ने AAP पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का इल्जाम लगाया. बहस इतनी तेज हो गई कि दोनों पक्षों के विधायक आमने-सामने आ गए. सूत्रों के मुताबिक इस दौरान धक्का-मुक्की हुई और कुछ विधायकों ने एक-दूसरे को धमकी देने की बात भी कही. हंगामे को देखते हुए स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को तीन घंटे के लिए स्थगित कर दिया.

क्या बोले पक्ष और विपक्ष?

एनसी के एक वरिष्ठ विधायक ने कहा ‘वक्फ कानून जम्मू-कश्मीर की जनता के हितों से जुड़ा है. बीजेपी इसे दबाना चाहती है, लेकिन हम चुप नहीं बैठेंगे.’ वहीं, बीजेपी के एक विधायक ने जवाब दिया ‘यह मामला केंद्र के अधिकार क्षेत्र में है. विपक्ष केवल राजनीति कर रहा है और विधानसभा का समय बर्बाद कर रहा है.’ AAP ने भी बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह जनता के मुद्दों से मुंह मोड़ रही है.

हंगामे के दौरान कुछ विधायकों ने वक्फ (संशोधन) विधेयक की प्रतियां फाड़ने की कोशिश की. जिसे बीजेपी ने असंवैधानिक करार दिया. बीजेपी नेताओं का कहना है कि यह कृत्य जनता का अपमान है और इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. दूसरी ओर एनसी और AAP का आरोप है कि बीजेपी जानबूझकर इस मुद्दे को उलझा रही है ताकि चर्चा न हो सके.

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