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SC Judge Adul Nazeer Death Threat: अयोध्या केस पर फैसला सुनाने वाले सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अब्दुल नजीर की जान को खतरा, सरकार ने दी जेड श्रेणी की सुरक्षा

SC Judge Adul Nazeer Death Threat: अयोध्या राम मंदिर बाबरी मस्जिद मामले पर फैसला सुनाने वाले सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एस अब्दुल नजीर को जान से मारने की धमकी मिली है. गृह मंत्रालय ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से उनकी जान को खतरा बताया है. केंद्र सरकार ने जस्टिस अब्दुल नजीर और उनके परिवार वालों को जेड श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला लिया है.

SC Judge Adul Nazeer Death Threat Ayodhya Ram Mandir Case Verdict
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  • Last Updated: November 17, 2019 21:27:33 IST

नई दिल्ली. अयोध्या राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर फैसला सुनाने वाले सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों में से एक जस्टिस अब्दुल नजीर को जान का खतरा है. केंद्र सरकार ने जस्टिस एस अब्दुल नजीर को जेड श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया है. साथ ही उनके परिवार वालों की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है. गृह मंत्रालय के मुताबिक जस्टिस नजीर को प्रतिबंधित संगठनों पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जान की धमकी मिली है.

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियों और स्थानीय पुलिस को तुरंत प्रभाव से जस्टिस नजर को जेड श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला लिया गया है. जस्टिस एस अब्दुल नजीर का परिवार कर्नाटक में रहता है.

सुरक्षा एजेंसियों को आदेश दिए गए हैं कि देशभर में रह रहे उनके परिवार के लोगों को सुरक्षा प्रदान की जाए. साथ ही जब जस्टिस नजीर बेंगलुरु और मंगलुरु जाएंगे तो कर्नाटक राज्य के कोटे से उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की जाएगी.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने 9 नवंबर को अयोध्या मामले पर फैसला सुनाया था. जिसमें विवादित जमीन को राम मंदिर निर्माण के लिए देने और मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए अलग से जमीन मुहैया कराने का फैसला लिया गया. अयोध्या मामले पर फैसला सुनाने वाली सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में जस्टिस एस अब्दुल नजीर भी शामिल थे.

कौन हैं जस्टिस अब्दुल नजीर-

जस्टिस अब्दुल नज़ीर ने 1983 में वकालत की शुरुआत की. उन्होंने कर्नाटक हाईकोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस की. इसके बाद वहीं एडिशनल जज और परमानेंट जज का काम किया. जस्टिस अब्दुल नजीर फरवरी 2017 में सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बने. अयोध्या मामले पर सुनवाई करने वाली तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच में वे भी शामिल रहे.

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