मुंबई। भारत के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का 9 अक्टूबर, बुधवार शाम को निधन हो गया। मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली। मुंबई के NCPA ग्राउंड में उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। भारी तादाद में लोग रतन टाटा को श्रद्धांजलि देने पहुंचे रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ,मुकेश अंबानी, नीता अंबानी, उद्धव ठाकरे, शरद पवार, राज ठाकरे, सुप्रिया सुले जैसे दिग्गजों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। शाम 4 बजे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा।
खड़े रहे देश में साथ
रतन टाटा ने अपने जीवन में कई ऐसे काम किए जो आज तक कोई नहीं कर पाया। सुनामी आई हो या कोरोना की लहर रतन टाटा हर मुसीबत में देश के साथ खड़े रहे। बुधवार को उनके निधन से पहले सोमवार को भी उनकी तबीयत बिगड़ने की खबर आई थी लेकिन तब उन्हें इसे नकारते हुए कहा कि मैं ठीक हूं। चिंता की बात नहीं है। उम्र संबंधी परेशानियों की जांच कराने अस्पताल आया था।
सबके लिए प्रेरणा स्त्रोत
देश के सबसे प्रसिद्ध कारोबारी और अरबपति रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को नवल टाटा और सूनी टाटा के घर पर हुआ था। 1991 से लेकर 2012 तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहने के दौरान उन्होंने बिजनेस सेक्टर में कई कीर्तिमान स्थापित किए। उन्होंने टाटा समूह को बुलंदियों तक पहुंचाया और एक दरियादिल इंसान के रूप में अपनी छवि बनाई। रतन टाटा हर कारोबारी चाहे वो छोटा हो या बड़ा उनके लिए प्रेरणास्त्रोत हैं।
जब प्रधानमंत्री हो गए थे टाटा से नाराज, सरकार से दुश्मनी मोल लेकर इस्तिफा देने वाले थे
जमशेदजी से लेकर रतन टाटा तक जानें परिवार में कौन-कौन है?