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शर्म को हटा दो… सेक्स, वर्जिनिटी बच्चों को पढ़ाएं जाएंगे, जेपी नड्डा से की गुजारिश

नई दिल्ली: अभी हमने कुछ दिनों पहले ही देखा कि किस तरह से हमारे देश में ट्रेनी डॉक्टर का रेप कर दिया गया, जिस वजह से उसकी जान चली गई. वहीं मेडिकल कमीशन ने मेडिकल स्टूडेंट्स के सिलेबस में बदलाव कर दिया गया है. इस चेंज के मुताबिक डॉक्टरी के छात्रों को अब Sodomy, Lesbianism, […]

Remove shame... sex, virginity will be taught to children, requested JP Nadda
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  • Last Updated: September 5, 2024 08:21:27 IST

नई दिल्ली: अभी हमने कुछ दिनों पहले ही देखा कि किस तरह से हमारे देश में ट्रेनी डॉक्टर का रेप कर दिया गया, जिस वजह से उसकी जान चली गई. वहीं मेडिकल कमीशन ने मेडिकल स्टूडेंट्स के सिलेबस में बदलाव कर दिया गया है. इस चेंज के मुताबिक डॉक्टरी के छात्रों को अब Sodomy, Lesbianism, हाइमन, वर्जिनिटी जैसे टॉपिक क्राइम के अंतर्गत पढ़ाए जाएंगे. बता दें कि इन सभी टॉपिक्स को साल 2022 में मद्रास हाई कोर्ट ने एक आदेश होने के बाद इस सिलेबस को हटा दिया गया था.

 

शिक्षा दी जाएगी

 

वहीं जानकारी के मुताबिक कमिशन ने सिलेबस में किए गए इस नए बदलाव को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. हालांकि अभी तक कमिशन की तरफ से इस नए बदलाव का वजह नहीं बताया गया है. कमिशन की वेबसाइट के मुताबिक नए सिलेबस में फोरेंसिक मेडिसन के छात्रों को अब नए कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के प्रावधानों के बारे में डिटेल में पढ़ाया जाएगा. बता दें इन नए कानूनों में रेप और अन्य बच्चों की यौन अपराधों से सुरक्षा जैसे अन्य कानूनों के बारे में शिक्षा दी जाएगी.

 

फर्क हटा दिया गया

 

बता दें कि इससे पहले साल 2022 में मद्रास हाई कोर्ट के निर्देश दिया था, जिसमें उन्होंने नेशनल मेडिकल कमिशन ने समलैंगिक व्यक्तियों और एडल्टरी के दौरान बने यौन संबंधों और पशुओं के साथ सेक्स के अपराध के बीच का फर्क हटा दिया गया है. हालांकि ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि स्टूडेंट्स को सेक्स, जेंडर आइडेंटिटी और सेक्सुअल ओरिएंटेशन के बारे में समझने में ज्यादा आसानी हो. वहीं अभी नए सिलेबस में इस बात पर कहीं जोर नहीं है कि छात्रों को जेंडर आइडेंटिटी डिसऑर्डर के बारे में पढ़ाया ही जाना चाहिए.

 

गुजारिश किया गया

 

मिली जानकारी के मुताबकि कमिशन ने नए सिलेबस में दिव्यांगता संबंधी प्रशिक्षण को भी हटा दिया गया है. बताया जा रहा है कि दिव्यांगता अधिकार कार्यकर्ता और कुछ ट्रांसजेंडर एसोसिएशन ने कमिशन के इस नए कदम के खिलाफ जेपी नड्डा को शिकायत की है. इन टॉपिक को फिर से शामिल करने की गुजारिश की है.

 

 

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