SIPRI Report on Nuclear Weapons : जैसे-जैसे इजरायल-ईरान युद्ध बढ़ता जा रहा है और वैश्विक सुरक्षा तनाव बढ़ रहा है, परमाणु संघर्ष का खतरा एक बार फिर सामने आ गया है। लेकिन दुनिया के सबसे बड़े भंडारों से परे, क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्विताएँ ही हैं जो नए सिरे से जांच का विषय बन रही हैं।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की वर्ष 2025 की पुस्तक के अनुसार, भारत ने न केवल वारहेड संख्या के मामले में पाकिस्तान पर अपनी परमाणु बढ़त को बढ़ाया है, बल्कि मिसाइल प्रणालियों और डिलीवरी क्षमता में भी महत्वपूर्ण तकनीकी प्रगति कर रहा है।
स्वीडन में स्थित एक स्वतंत्र संस्थान SIPRI ने 1966 से वैश्विक आयुध, निरस्त्रीकरण और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा रुझानों पर नज़र रखी है। इसकी वार्षिक वर्ष पुस्तिका को दुनिया के परमाणु संतुलन के सबसे विश्वसनीय आकलनों में से एक माना जाता है। उनकी रिपोर्ट के मुताबिक 2024 में भारत के पास 172 परमाणु हथियार थे। 2025 में यह संख्या बढ़कर 180 हो गई है।
SIPRI की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की नई ‘कैनिस्टराइज्ड’ मिसाइलें बहुत सुरक्षित हैं। इनमें परमाणु हथियार पहले से ही लोड किए जा सकते हैं। ये मिसाइलें शांति के समय में भी परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हो सकती हैं। आने वाले समय में ये मिसाइलें एक साथ कई परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम हो सकती हैं।
इसके अलावा भारत की नई मिसाइल प्रणालियों में अग्नि प्राइम (अग्नि-पी) और मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) के साथ अग्नि-5 मिसाइलें शामिल हैं। रक्षा मंत्रालय के अनुसार अग्नि-पी अग्नि मिसाइल श्रृंखला का नया और उन्नत संस्करण है। यह एक कैनिस्टराइज्ड मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 1,000 से 2,000 किलोमीटर है। इसका परीक्षण पिछले साल किया गया था।
भारत ने पिछले साल MIRV तकनीक वाली अग्नि-5 मिसाइल का भी सफल परीक्षण किया। यह मिसाइल 5,000 किलोमीटर से ज्यादा दूर तक मार कर सकती है। परीक्षण के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने DRDO के वैज्ञानिकों की तारीफ की थी।
एसआईपीआरआई ने यह भी कहा कि पाकिस्तान नई मिसाइलें भी बना रहा है। उसने 2024 के लिए और परमाणु सामग्री जमा कर ली है। इससे पता चलता है कि वह आने वाले सालों में अपने परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ाना चाहता है। एसआईपीआरआई ने 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाली झड़प का जिक्र किया।
इसमें कहा गया कि परमाणु हथियार रखने वाले देशों के बीच लड़ाई में खतरा बढ़ सकता है। एसआईपीआरआई के मैट कोर्डा ने चेतावनी दी कि परमाणु ठिकानों पर हमलों और गलत सूचनाओं के कारण एक साधारण लड़ाई भी परमाणु युद्ध में बदल सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि यह उन देशों के लिए चेतावनी है जो परमाणु हथियारों पर बहुत अधिक निर्भर हैं।
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