Inkhabar
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • Sri Krishna Janmabhoomi Case: सुप्रीम कोर्ट में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर अप्रैल तक टली सुनवाई

Sri Krishna Janmabhoomi Case: सुप्रीम कोर्ट में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर अप्रैल तक टली सुनवाई

नई दिल्ली। यूपी के मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले(Sri Krishna Janmabhoomi Case) को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अप्रैल माह तक के लिए टल गई है। फिलहाल विवादित शाही ईदगाह के सर्वे पर रोक लगी रहेगी। बता दें कि सर्वे का आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट के द्वारा दिया गया था। शाही ईदगाह कमेटी ने सभी मामले […]

Sri Krishna Janmabhoomi Case: Supreme Court hearing on Sri Krishna Janmabhoomi case postponed till April
inkhbar News
  • Last Updated: January 29, 2024 19:59:43 IST

नई दिल्ली। यूपी के मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले(Sri Krishna Janmabhoomi Case) को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अप्रैल माह तक के लिए टल गई है। फिलहाल विवादित शाही ईदगाह के सर्वे पर रोक लगी रहेगी। बता दें कि सर्वे का आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट के द्वारा दिया गया था। शाही ईदगाह कमेटी ने सभी मामले हाईकोर्ट को ट्रांसफर होने का विरोध किया। हालांकि, अभी तक सभी पक्षों के जवाब दाखिल नहीं हुए हैं, जबकि कोर्ट ने सभी से जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।

दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इससे पहले 14 दिसंबर, 2023 को यूपी के मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर स्थित शाही ईदगाह मस्जिद के विवादित स्थल पर सर्वे करने की मंजूरी दी थी। साथ ही चल रहे विवाद पर कमिश्नर नियुक्त करने के लिए कहा था। फिलहाल, बेंच कुल 18 सिविल विवादों की सुनवाई कर रही है। 16 नवंबर को इससे पहले मामले से जुड़ी अर्जी पर सुनवाई होने के बाद फैसले को सुरक्षित रखा गया था।

खारिज हो चुकी है ये याचिका

बता दें कि 5 जनवरी 2024 को टॉप कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद स्थल को कृष्ण जन्मभूमि(Sri Krishna Janmabhoomi Case) के रूप में मान्यता देने की मांग करने वाली वकील महक महेश्वरी की याचिका खारिज कर दी थी। इस दौरान, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा था कि वह इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करना नहीं चाहती है। बेंच ने कहा था कि हम दिए गए फैसले में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं और इसलिए विशेष अनुमति याचिका खारिज की जाती है।

HC में याचिका दायर कर सर्वे की मांग

‘भगवान श्री कृष्ण विराजमान’ और 7 अन्य लोगों के द्वारा वकील हरि शंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, प्रभाष पांडे और देवकी नंदन के माध्यम से इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए सर्वे की मांग की गई थी। इस याचिका में ये दावा किया गया था कि भगवान श्री कृष्ण का जन्मस्थान मस्जिद के नीचे है और वहां कई संकेत हैं जिनसे ये पता चलता है कि मस्जिद एक हिंदू मंदिर था।

याचिका में कही गई थी ये बातें

विष्णु शंकर जैन के अनुसार, याचिका में ये कहा गया था कि वहां कमल के आकार का एक स्तंभ है जो कि हिंदू मंदिरों की एक विशेषता बताता है। इसके अलाव शेषनाग की एक प्रतिकृति है जो कि हिंदू देवताओं में से एक हैं और उन्होंने जन्म की रात भगवान कृष्ण की रक्षा की थी।

1968 में हुआ था समझौता

जानकारी के अनुसार, श्रीकृष्ण जन्मस्थान(Sri Krishna Janmabhoomi Case) शाही ईदगाह मामले में 12 अक्टूबर 1968 को एक समझौता हुआ था। श्री कृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट के सहयोगी संगठन श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा संघ और शाही ईदगाह के बीच हुए इस समझौते में 13.37 एकड़ भूमि में से करीब 2.37 एकड़ भूमि शाही ईदगाह के लिए दी गई थी। हालांकि, समझौते के बाद श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा संघ को भंग कर दिया गया था। इस समझौते को हिंदू पक्ष द्वारा अवैध बताया जा रहा है। हिंदू पक्ष का कहना है कि श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा संघ को समझौते का अधिकार नहीं था।

ये भी पढ़ें- बजट को लेकर आम आदमी की निर्मला सीतारमण से उम्‍मीदें