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केजरीवाल पर पत्थरबाजी के क्या हैं मायने?

गांधीनगर। आगामी गुजरात विधानसभा चुनावों के चलते सभी दल अपना पुरजोर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन भाजपा एवं आम आदमी पार्टी की कवायदों को देखकर लगता है कि, जैसे चुनावो द्विपक्षीय है लेकिन कांग्रेस को भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है। केजरीवाल के रोड शो के दौरान हुई पत्थरबाजी के क्या मायने हो सकते […]

रोड शो के दौरान केजरीवाल पर हुई पत्थरबाजी
inkhbar News
  • Last Updated: November 29, 2022 10:29:29 IST

गांधीनगर। आगामी गुजरात विधानसभा चुनावों के चलते सभी दल अपना पुरजोर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन भाजपा एवं आम आदमी पार्टी की कवायदों को देखकर लगता है कि, जैसे चुनावो द्विपक्षीय है लेकिन कांग्रेस को भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है। केजरीवाल के रोड शो के दौरान हुई पत्थरबाजी के क्या मायने हो सकते हैं, क्या गुजरात बाकी राज्यों से अलग है? क्या गुजरात मे एक ही पार्टी का शासन होना चाहिए? क्या भाजपा का विरोध समस्त गुजरात का विरोध है।

क्यों हुई पत्थरबाजी?

गुजरात चुनावों को लेकर केजरीवाल एवं समस्त भाजपा नेता लगातार रोड शो करते हुए नज़र आ रहे हैं, आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला भी लगातार जारी है। ऐसे मे केजरीवाल को भाजपा के वर्चस्व के आगे मात्र कांग्रेस के प्रतिद्वंदी के रूप में ही देखा जा सकता है। इस दौरान केजरीवाल लगातार रोड शो और रैलियां कर रहे हैं। लेकिन सूरत मे रोड शो के दौरान जो घटना घटित हुई वह गुजरात के शासन एवं प्रशासन में सावालिया निशान उठाता है। हम आपोक बता दें की सोमवारो के आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल सूरत मे रोड शो कर रहे थे इस दौरान केजरीवाल की रैली में पथराव हो गया, जिसके बाद केजरीवाल गाड़ी के अन्दर चले गए। पत्थरबाजों और आप समर्थकों के बीच झड़प भी हो गई पत्थर मीडिया कर्मी और उनके कैमरों में भी लगे।

क्या हैं पत्थरबाजी के मायने?

दिल्ली के मुख्यमंत्री के काफिले पर पत्थरबाजी की घटना आम घटना नहीं है, इससे पहले राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मध्य प्रदेश में मोदी-मोदी के नारे लगाने वाले युवक क्या किसी तंत्र का हिस्सा हैं या फिर उन्हे इतना सामर्थ्य प्राप्त है कि, वह मनमाने ढंग से किसी भी गतिविधी को अंजाम दे सकते हैं।
आप नेताओं का कहना है कि, केजरीवाल पर पत्थरबाजी की घटना साफ स्पष्ट करती है कि, क्या आप गुजरात मे भाजपा के खिलाफ चुनावी अभियान नहींं कर सकते, क्या लोकतांत्रिक व्यवस्था यहाँ पर लागू नहीं होती, क्या गुजरात राज्य को विशेष प्रावधानों को साथ 27 वर्षों से सत्ता पर आसीन भाजपा के सुपुर्द कर देना चाहिए।