नई दिल्ली। भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए पहलगाम आतंकी हमले का बदला ले लिया है। भारतीय सेना ने बुधवार की देर रात पाकिस्तान में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल दागकर उन्हें नेस्तनाबूद कर दिया। भारतीय सेना के इस पराक्रम पर आज पूरा देश गर्व कर रहा है।
पूरी दुनिया में इस वक्त ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा हो रही है। इस बीच आइए आपको बताते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर की प्लानिंग कब हुई, टारगेट किस तरह तय किए गए और भी बहुत कुछ….
जानें प्लानिंग से लेकर हमले तक की पूरी कहानी…
पहलगाम हमले के 11वें दिन यानी 3 मई को दिल्ली के साउथ ब्लॉक में एक बेहद महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस उच्चस्तरीय मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी शामिल हुए।
इस मीटिंग में यह फैसला लिया गया कि पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकी ठिकानों को एक बार फिर एयरस्ट्राइक के ज़रिए निशाना बनाया जाएगा। इसके बाद तीनों सेनाओं से चुने गए अधिकारियों की एक विशेष टीम बनाई गई।
इस टीम को साउथ ब्लॉक परिसर में ही 100 घंटे यानी चार दिनों तक आइसोलेशन में रखा गया। किसी भी सदस्य को बाहर जाने या किसी से संपर्क करने या फोन का व्यक्तिगत उपयोग करने की अनुमति नहीं थी। उन्हें अपने परिवार के लोगों से भी बात करने की भी इजाजत नहीं दी गई थी।
फिर 5 मई को एनएसए अजीत डोभाल ने ऑपरेशन का पूरा खाका प्रधानमंत्री को दिखाया। पीएम से मंजूरी मिलने के बाद टीम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को की तैयारी में जुट गई। खुफिया एजेंसी RAW ने कुल 21 आतंकी ठिकानों की सूची सेना को सौंपी, जिसमें से 9 टारगेट तय किए गए।
इसके बाद भारतीय वायुसेना ने 6-7 मई की दरमियानी रात 1:05 बजे पाकिस्तान और पीओके के आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की। सिर्फ 25 मिनट तक चले इस ऑपरेशन में सात शहरों के नौ आतंकी अड्डों को पूरी तरह से तबाह कर दिया गया।
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