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Study: जलवायु परिवर्तन की मुख्य वजह जैव विविधता में आई कमी, शोधकर्ताओं ने इस बात पर जताई आशंका

नई दिल्ली : सदी के मध्य तक जलवायु परिवर्तन जैव विविधता के नुकसान का सबसे बड़ा कारण हो सकता है. एक नये अध्ययन से यही पता चलता है कि जैव विविधता पर बदलते भूमि उपयोग पैटर्न के प्रभाव का अध्ययन करने वाले शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने पाया है कि वैश्विक जैव विविधता में […]

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  • Last Updated: April 28, 2024 09:58:03 IST

नई दिल्ली : सदी के मध्य तक जलवायु परिवर्तन जैव विविधता के नुकसान का सबसे बड़ा कारण हो सकता है. एक नये अध्ययन से यही पता चलता है कि जैव विविधता पर बदलते भूमि उपयोग पैटर्न के प्रभाव का अध्ययन करने वाले शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने पाया है कि वैश्विक जैव विविधता में 2 से 11 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है.

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Climate Change

जर्मन सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड बायोडायवर्सिटी रिसर्च (आईडीआईवी) के शोध समूह के प्रमुख और साइंस में प्रकाशित अध्ययन के प्रमुख लेखक हेनरिक परेरा ने कहा है कि भूमि उपयोग में परिवर्तन और जलवायु परिवर्तन के संयुक्त प्रभाव से सभी वैश्विक क्षेत्रों में जैव विविधता का नुकसान होता है. बता दें कि भले ही जैव विविधता के लिए भूमि उपयोग में परिवर्तन ऐतिहासिक रूप से एक महत्वपूर्ण कारक रहा हो, लेकिन अब जलवायु परिवर्तन इसे पीछे छोड़ अहम कारक बन सकता है.

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इस पर शोधकर्ताओं ने जताई आशंका

परेरा के मुताबिक हमने अपने फॉर्मेट में दुनिया के सभी क्षेत्रों को शामिल करते हुए कई ऐसे स्थानों को भी शामिल किया है, जिन्हें पहले इस दायरे से बाहर रखा गया था. बता दें कि खंडित और संभावित रूप से दूषित डेटा से निपटने वाले अन्य दृष्टिकोणों की आलोचनाओं पर भी ध्यान दिया गया है. शोधकर्ताओं ने नीतिगत विरोधाभासों को कम करने और वास्तव में एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया, जो आने वाले दशकों में जैव विविधता की रक्षा के लिए स्थिरता के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखता है.

जलवायु परिवर्तन और सूखे से मंडरा रहा है

जलवायु परिवर्तन

बता दें कि अध्ययन के सह-लेखकों में से एक ऑस्ट्रिया के इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एप्लाइड सिस्टम एनालिसिस (आईआईएएसए) जैव विविधता और प्राकृतिक संसाधन कार्यक्रम निदेशक पेट्र हैवलिक ने कहा, उदाहरण के लिए जैव ऊर्जा परिनियोजन अब भी अधिकतर जलवायु स्थिरीकरण परिदृश्यों का एक महत्वपूर्ण तत्व है. ये प्रजातियों के आवासों के लिए भी खतरा पैदा करता है. शोधकर्ताओं के अनुसार जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए तत्काल उचित कदम उठाए जाने की जरूरत है. साथ ही वर्तमान में किए जा रहे प्रयासों में तेजी लानी होगी.

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