नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रपति को विधेयकों पर फैसला लेने के लिए समय सीमा तय करने पर विवाद लगातार गहराता जा रहा है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बाद अब बीजेपी नेता और झारखंड से सांसद निशिकांत दुबे ने भी सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर आपत्ति जताई है। दुबे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं, ऐसे में मुख्य न्यायाधीश अपने अपॉइंटिंग अथॉरिटी को निर्देश कैसे जारी कर सकते हैं।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि देश में कानून संसद बनाती है तो क्या अब आप हर बात पर संसद को भी निर्देश देंगे? उन्होंने आरोप लगाया कि देश में गृह युद्ध की स्थिति के लिए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना जिम्मेदार हैं, वहीं धार्मिक तनाव फैलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार है। निशिकांत ने कहा कि देश की अदालतें अपनी सीमाएं लांघ रही हैं। यदि हर मामले को लेकर लोगों को सुप्रीम कोर्ट ही जाना पड़े तो फिर संसद और विधानसभाओं को हमें बंद कर देना चाहिए।
#WATCH | BJP MP Nishikant Dubey says, “How can you give direction to the appointing authority? The President appoints the Chief Justice of India. The Parliament makes the law of this country. You will dictate that Parliament?… How did you make a new law? In which law is it… https://t.co/CjTk4wBzHA pic.twitter.com/HYNa8sxBVt
— ANI (@ANI) April 19, 2025
बता दें कि यह पूरा विवाद तमिलनाडु के राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच हुए टकराव से जुड़ा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने 8 अप्रैल को आदेश दिया था कि राज्यपाल के पास किसी भी बिल पर वीटो पावर नहीं है और राष्ट्रपति को किसी विधेयक पर तीन महीने के अंदर ही फैसला लेना होगा। दरअसल अभी तक किसी बिल को मंजूर करने के लिए कोई समय सीमा नहीं थी. जिन बिलों को लटकाना होता है उसे राज्यपाल या तो अपने पास रोक लेते हैं या उसे राष्ट्रपति के पास भेज देते हैं जहां वह सालों तक पड़ा रहता है. तमिलनाडु के दस बिल ऐसे ही कई सालों से पड़े थे जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की और उस पर फैसला लेने के लिए समय सीमा तय कर दी थी.
फडणवीस-शिंदे को मात देने अब साथ आ रहे ठाकरे ब्रदर्स! राज-उद्धव दोनों ने दिए संकेत