PMLA:

नई दिल्ली। विपक्षी दलों को आज सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सर्वोच्च न्यायालय ने पीएमएलए के खिलाफ दायर की गई याचिका को रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून को बिल्कुल सही करार दिया है। कोर्ट ने पूरे मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि ईडी को रेड, गिरफ्तारी और पूछताछ का अधिकार है।

इन दलीलों के आधार पर दी गई चुनौती

बता दें कि PMLA के खिलाफ दायर याचिका में कहा गया था कि गलत तरीके से पैसा कमाने का मुख्य अपराध साबित न होने पर भी पैसे को इधर-उधर भेजने के आरोप में PMLA का मुकदमा चलता रहता है। दलीलों में ये कहा गया था कि, इसका इस्तेमाल गलत तरीके से किया जाता है। इस कानून में अधिकारियों को मनमाने अधिकार दिए गए हैं। वहीं, मुख्य अपराध साबित न होने पर भी मुकदमा लंबे समय तक चलता रहता है।

सरकार ने कानून के पक्ष में क्या कहा

गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से इस कानून के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि लोगों ने कार्रवाई से बचने के लिए इस प्रकार की याचिका दायर की है। ये सब वहीं कानून है जिसकी मदद से विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहूल चौकसी जैसे लोगों से अब तक बैंकों के 18 हजार करोड़ रूपए वसूले गए हैं। विपक्षी दलों के साथ ही पीएमएलए के कई अलग-अलग पहलुओं पर 100 से ज्यादा याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई। जिसके बाद शीर्ष अदालत ने इन सभी को एक साथ जोड़ दिया था।

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