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तमिलनाडु: BJP अध्यक्ष अन्नामलाई को पुलिस ने हिरासत में लिया, जानें पूरा मामला

बीजेपी तमिलनाडु के आतंकी संगठन अल-उम्मा के मुखिया एस ए बाशा को मिली आखिरी विदाई को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रही है। मालूम हो कि बाशा की आखिरी विदाई सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है।

Annamalai
inkhbar News
  • Last Updated: December 20, 2024 22:39:48 IST

कोयंबटूर/नई दिल्ली। तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष अन्नामलाई को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। बताया जा रहा है कि अन्नामलाई कोयंबटूर में डीएमके सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने राज्य की एमके स्टालिन सरकार पर एक आतंकवादी का महिमामंडन करने का आरोप लगाया है।

आतंकी बाशा के जनाजे पर विवाद

बता दें कि बीजेपी तमिलनाडु के आतंकी संगठन अल-उम्मा के मुखिया एस ए बाशा को मिली आखिरी विदाई को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रही है। मालूम हो कि बाशा की आखिरी विदाई सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है। बीजेपी ने सवाल उठाया है कि तमिलनाडु में कई बार आतंकी हमलों को अंजाम देने वाले आतंकी को किसी हीरो की तरह विदाई कैसे दी जा सकती है? बता दें कि एस ए बाशा के विदाई जुलूस की सुरक्षा में 2000 पुलिसवालों और 200 आरएएफ जवानों को तैनात किया गया था।

1998 के धमाके में 58 लोग मारे गए थे

बता दें कि साल 1998 में कोयंबटूर में हुए सीरियल धमाकों में 58 लोगों की मौत हुई थी। इसके अलावा 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इन धमाकों के पीछे आतंकी संगठन अल-उम्मा का नाम सामने आया था। इस संगठन के मुखिया एस एस बाशा को बाद में उम्र कैद की सजा मिली। दुर्दांत आतंकियों में गिने जाने वाले बाशा की 16 दिसंबर, 2024 को एक अस्पताल में मौत हो गई थी। इसके बाद 17 दिसंबर को उसे दफनाया गया।

बड़े से बड़े नेता हुए विदाई में शामिल

एस ए बाशा की विदाई यात्रा में तमिलनाडु के कई बड़े नेता और अभिनेता शामिल हुए। इनमें तमिल एक्ट सीमान, कोंगु इलैगनार पेरावई पार्टी के अध्यक्ष यू थानियारसु और वीसीके के उप महासचिव वन्नी अरासु शामिल हैं। इनके अलावा कई और नेता आतंकी बाशा के जनाजे में शामिल हुए। कट्टरपंथियों लोगों का एक बड़ा समूह भी बाशा की अंतिम विदाई में शामिल हुआ है।

गौरतलब है कि बाशा के जनाजे को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों के बीच काफी रोष देखने को मिल रहा है। कई लोगों ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि इससे कट्टरपंथ और ज्यादा बढ़ावा मिलेगा। आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली शक्तियां इससे उत्साहित होंगी। वहीं, कई लोगों का कहना है कि किसी व्यक्ति के अंतिम संस्कार में शामिल होना गुनाह नहीं हैं।

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