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तवांग झड़प: भारत के समर्थन में उतरा अमेरिका, कही ये बात

नई दिल्ली। अरूणाचल प्रदेश के तवांग में 9 दिसंबर को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प पर अमेरिका की प्रतिक्रिया सामने आई है। अमेरिका ने इसे बीजिंग की उकसावे पूर्ण कार्रवाई बताया है। भारत-चीन सीमा पर हुए टकराव पर अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा है कि भारत […]

(भारत-अमेरिका)
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  • Last Updated: December 14, 2022 09:55:19 IST

नई दिल्ली। अरूणाचल प्रदेश के तवांग में 9 दिसंबर को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प पर अमेरिका की प्रतिक्रिया सामने आई है। अमेरिका ने इसे बीजिंग की उकसावे पूर्ण कार्रवाई बताया है। भारत-चीन सीमा पर हुए टकराव पर अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा है कि भारत अमेरिका का रणनीतिक साझेदार है। दिल्ली और वाशिंगटन लगातार संपर्क बनाए हुए हैं।

भारत के प्रयासों का समर्थन करता है

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के प्रेस सचिव पैट रायडर ने कहा है कि चीन एलएसी के क्षेत्र में सेना जुटा रहा है। वो सैन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है। अमेरिका तनाव की स्थिति को कम करने के लिए चल रहे भारत के प्रयासों का पूरा समर्थन करता है।

रक्षा मंत्री ने संसद में दिया बयान

अरूणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी सैनिकों से हुई झड़प पर मंगलवार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा और राज्यसभा में बयान दिया। उन्होंने बताया कि इस झड़प में एक भी सैनिक शहीद नहीं हुआ है। इस दौरान दोनों सदनों में विपक्ष ने जबरदस्त हंगामा किया।

अतिक्रमण करने से रोका

तवांग में हुए झड़प पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेना ने बहादुरी से PLA को हमारे क्षेत्र में अतिक्रमण करने से रोका और उन्हें उनकी केंद्र पर वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया। इस झड़प में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोटें आईं। रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि 9 दिसंबर 2022 को PLA गुट ने तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में, LAC पर अतिक्रमण कर यथास्थिति को एकतरफा बदलने का प्रयास किया। चीन के इस प्रयास का हमारी सेना ने दृढ़ता के साथ सामना किया। इस झड़प में हाथापाई हुई।

किसी भी सैनिक की मृत्यु नहीं

राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि इस घटना के पश्चात क्षेत्र के स्थानीय कमांडर ने 11 दिसंबर 2022 को अपने चीनी समकक्ष के साथ स्थापित व्यवस्था के तहत एक फ्लैग मीटिंग की और इस घटना पर चर्चा की। मैं इस सदन को यह बताना चाहता हूं कि हमारे किसी भी सैनिक की मृत्यु नहीं हुई है और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है। भारतीय सैन्य कमांडरों के समय पर हस्तक्षेप के कारण PLA सैनिक अपने स्थानों पर वापस चले गए।

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