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चीनी छात्रों का दल गया था हेडगेवार स्मृति मंदिर, कांग्रेस ने राजनयिक बताकर उठाये थे सवाल

नई दिल्ली। दिसंबर 2023 में चीन छात्रों के एक दल ने नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक केशव बलिराम हेडगवार के स्मृति मंदिर का दौरा किया था। एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि चीनी राजनयिक आरएसएस के नागपुर स्थित मुख्यालय गये थे जबकि ये अध्येताओं का एक दल था जो दिसंबर […]

chinese researchers visits rss office
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  • Last Updated: January 6, 2024 11:31:40 IST

नई दिल्ली। दिसंबर 2023 में चीन छात्रों के एक दल ने नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक केशव बलिराम हेडगवार के स्मृति मंदिर का दौरा किया था। एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि चीनी राजनयिक आरएसएस के नागपुर स्थित मुख्यालय गये थे जबकि ये अध्येताओं का एक दल था जो दिसंबर के पहले सप्ताह में रेशिमबाग में आरएसएस स्मृति मंदिर परिसर गया था। बता दें कि शहर में आरएसएस मुख्यालय के अलावा संघ के पास रेशिमबाग में इसके संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार का स्मारक स्थल भी है, जहां स्वयंसेवकों का प्रशिक्षण और अन्य गतिविधियां होती हैं।

मीडिया रिपोर्ट

अख़बार ने सूत्रों के हवाले से बताया था कि दिल्ली के साथ-साथ मुंबई स्थित देश के वाणिज्य दूतावास से चीनी छात्रों की एक टीम वर्धा में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय गई थी, जहां से वो नागपुर पहुंचे थे। बताया गया कि सरसंघचालक मोहन भागवत उस समय वहां पर मौजूद नहीं थे, इसलिए छात्र उनसे मुलाकात नहीं कर सके।

कांग्रेस ने बोला था हमला

इस बीच, विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इसको लेकर सवाल उठा दिये थे। पार्टी के मीडिया सेल के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने इससे संबंधित एक ख़बर पोस्ट करते हुए सवाल किया कि चीनी वहां क्यों गए थे और वहां क्या चर्चा हुई, क्या समझौते हुए। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी कहा कि ‘एक तरफ़ मोदी सरकार के विदेश मंत्रालय ने पहली बार माना कि चीन के साथ हमारे रिश्ते सामान्य नहीं हैं। दूसरी ओर, ख़बरों के मुताबिक कई चीनी संघ मुख्यालय गए। क्यों गए? किसलिए गए और क्या बातचीत हुई?