श्रीनगर/नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए आतंकियों और उसके समर्थक पाकिस्तान को सबक सिखाने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को श्रीनगर पहुंचे।
इस दौरान एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आतंकियों ने धर्म पूछकर लोगों की हत्या की थी। हमने उनका कर्म देखकर उन्हें दंडित किया है।
राजनाथ का पूरा बयान
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखा है, ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के ख़िलाफ़ भारत द्वारा चलाई गई, अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी कार्रवाई है। पैंतीस-चालीस वर्षों से भारत सरहद पार से चलाये जा रही आतंकवाद का सामना कर रहा है। आज भारत ने पूरी दुनिया के सामने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ हम किसी भी हद तक जा सकते हैं।
पहलगाम में आतंकवादी घटना को अंजाम देकर भारत के माथे पर चोट पहुँचाने का काम किया, भारत की सामाजिक एकता को तोड़ने का प्रयास किया गया। उन्होंने भारत के माथे पर वार किया, हमने उनकी छाती पर घाव दिए हैं। पाकिस्तान के ज़ख्मों का इलाज इसी बात में है कि वह भारत विरोधी और आतंकवादी संगठनों को पनाह देना बंद करे, अपनी ज़मीन का इस्तेमाल भारत के ख़िलाफ़ न होने दे।
आपको याद होगा कि लगभग इक्कीस साल पहले अटलजी के सामने इसी पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में डिक्लेरेशन किया था कि अब उनकी धरती से आतंकवाद एक्सपोर्ट नहीं किया जाएगा। मगर पाकिस्तान ने भारत को धोखा दिया और आज भी धोखा दिए जा रहा है। इसका ख़ामियाज़ा अब उसको भारी क़ीमत अदा करके भुगतना पड़ रहा है। और यदि आतंकवाद चलता रहा तो यह क़ीमत लगातार बढ़ने वाली है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने दो-टूक शब्दों में आतंकवाद के ख़िलाफ़ भारत की नीति को Redefine कर दिया है, जो यह कहती है कि हिंदुस्तान की सरज़मीं पर किया गया कोई भी आतंकी हमला एक act of war माना जाएगा। दोनों देशों में जो understanding अभी बनी है वह इसी बात को लेकर है कि सरहद पार से कोई बेजा हरकत नहीं की जाएगी। अगर की गई तो बात निकलेगी तो बहुत दूर तलक जाएगी। साथ ही हमारे प्रधानमंत्री ने यह भी साफ़ कर दिया है कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चलेंगे और अगर बात होगी तो आतंकवाद पर होगी, पीओके पर होगी।
ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी ने पाकिस्तान में छिपे आतंकी संगठनों और उनके आकाओं को भी यह साफ़ बता दिया है कि वो कहीं भी अपने आप को महफूज़ और सुरक्षित न समझें। अब वे भारतीय सेनाओं के निशाने पर हैं। दुनिया जानती है, हमारी सेनाओं का निशाना अचूक है और वो जब वो निशाना लगाते हैं तो गिनती करने का काम दुश्मनों पर छोड़ देते हैं।
साथियो, आज आतंकवाद के ख़िलाफ़ भारत की प्रतिज्ञा कितनी कठोर है, इसका पता इसी बात से चलता है कि हमने उनके न्यूक्लियर ब्लैकमेल की भी परवाह नहीं की है। पूरी दुनिया ने देखा है कि कैसे ग़ैर ज़िम्मेदाराना तरीक़े से पाकिस्तान द्वारा भारत को अनेक बार एटमी धमकियाँ दी गईं हैं।
आज श्रीनगर की धरती से मैं पूरी दुनिया के सामने यह सवाल उठाना चाहता हूँ कि क्या ऐसे ग़ैर ज़िम्मेदार और rogue nation के हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं? मैं मानता हूँ कि पाकिस्तान के एटमी हथियारों को IAEA यानि (International Atomic Energy Agency) की निगरानी में लिया जाना चाहिए।