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रामलला प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त सिर्फ 84 सेकेंड, जानें किस पंडित ने किया समय निर्धारित

अयोध्या/लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को होना है. इस दिन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भी की जायेगी. रामलला के अभिषेक का विशेष मुहुर्त समय सिर्फ 84 सेकंड है. यह शुभ मुहुर्त पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने निकाला है, जिन्होंने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन और राम मंदिर के […]

Ramlala Pran Pratistha
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  • Last Updated: December 24, 2023 11:55:51 IST

अयोध्या/लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को होना है. इस दिन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भी की जायेगी. रामलला के अभिषेक का विशेष मुहुर्त समय सिर्फ 84 सेकंड है. यह शुभ मुहुर्त पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने निकाला है, जिन्होंने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन और राम मंदिर के शिलान्यास का शुभ मुहुर्त भी निकाला था।

आपको बता दें कि काशी में उद्घाटन के लिए 13 दिसंबर का दिन शुभ माना गया, लेकिन कई विद्वानों ने विरोध भी किया. इसमें 13 संख्या की वजह से लोग सहमत नहीं थे और इस समय भी गणेश्वर शास्त्री ने सभी की शंकाओं का समाधान किया था. काशी के रामघाट क्षेत्र में गंगा तट पर रहने वाले पंडित गणेश्वर शास्त्री जो दक्षिण भारत से यहां आए थे और उनके साथ भाई पंडित विश्वेश्वर शास्त्री भी रहते हैं. वह एक महान विद्वान भी हैं और दोनों भाई मिलकर शुभ मुहूर्त निकालते हैं।

देश में ग्रह-नक्षत्रों और चौघडियों का पंडित गणेश्वर शास्त्री से अधिक जानकार कोई नहीं है. वह सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में धार्मिक संकट से बाहर निकलने की कला भी जानता है. उनके परदादा ने दक्षिण भारत से यहां आकर इसकी शुरुआत की थी. बताया जा रहा है कि उनके दादाजी जब काशी पहुंचे तो यहां के पंडितों ने उनकी उचित जांच की तभी काशी में उन्हें रहने का मौका मिला, यहां बच्चों को आचार्य बनने का प्रशिक्षण भी दिया जाता है और शहीद राजगुरु यहीं के छात्र रहे हैं।

राजेश्वर शास्त्री के दूसरे पुत्र गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ वेदों के विद्वान हैं जो समय-समय पर धर्म प्रचार के लिए भारत भ्रमण करते रहते हैं. गणेश्वर शास्त्री के मुताबिक 22 जनवरी सबसे उत्तम दिन है. इस दिन किसी भी समय अनिष्ट करने वाले पांच बाणों शासन बाण, चोर बाण, अग्नि बाण, रोग बाण और मृत्यु बाण का कोई प्रभाव नहीं होता है. ये पांचों बाण अपने नाम के अनुसार प्रभाव छोड़ते हैं. वहीं 22 जनवरी को 84 सेकंड ऐसे हैं जो प्राण प्रतिष्ठा के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है. गणेश्वर शास्त्री के मुताबिक दोपहर 12:29:08 बजे से 12:30:32 बजे तक का समय दिया गया है।

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