नई दिल्ली। दुनिया भर में बढ़ते कोविड मामलों के बीच भारत में भी संक्रमण के नए स्वरूप सामने आए हैं। देश में अब तक कोरोना वायरस के 4 नए सब-वेरिएंट्स की पुष्टि हो चुकी है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के अनुसार इन वेरिएंट्स में LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 शामिल हैं। इनमें LF.7 और NB.1.8.1 को हाल ही में पहचाना गया है। इंडियन SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) की रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु में NB.1.8.1 का एक मामला और गुजरात में LF.7 के चार मामले पाए गए हैं।

एक सप्ताह में 787 नए मामले

स्वास्थ्य मंत्रालय की ताज़ा जानकारी के अनुसार, पिछले एक सप्ताह में भारत में कोविड-19 के 787 नए केस सामने आए हैं, जिनमें से 11 लोगों की मृत्यु हुई है और अभी तक कुल 12 लोग मरे हैं. देश में फिलहाल सक्रिय मामलों की संख्या 1,000 से अधिक हो चुकी है। इनमें से अधिकतर संक्रमण JN.1 और ओमिक्रॉन वेरिएंट्स से जुड़े हैं, जो भारत में पहले से ही फैले हुए हैं।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

इन हालातों को देखते हुए विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण से बचाव के लिए ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। आइए जानते हैं कि विशेषज्ञों का क्या कहना है…

विशेषज्ञों के मुताबिक NB.1.8.1 और LF.7 दोनों ही ओमिक्रॉन परिवार से संबंधित सब-वेरिएंट्स हैं, जिनमें कुछ नए स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन पाए गए हैं। इन बदलावों की वजह से ये वेरिएंट्स तेजी से लोगों को संक्रमित कर सकते हैं और कोविड के खिलाफ बनी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी चकमा देने की क्षमता रखते हैं। चीन सहित एशिया के कई देशों में कोविड मामलों में वृद्धि के पीछे भी यही वेरिएंट्स देखे जा रहे हैं।

नए वेरिएंट्स से सर्वाधिक खतरा किन लोगों को?

ICMR के मुताबिक, अभी तक इन दोनों वेरिएंट्स से जुड़े अधिकांश मामलों में लक्षण मामूली ही रहे हैं। हालांकि, कुछ विशेष श्रेणियों- नवजात शिशु, गर्भवती महिलाओं और 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए ये वेरिएंट्स अधिक घातक हो सकते हैं।

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