नई दिल्ली : 16 दिसंबर 2012 वो दिन था जब दिल्ली की एक लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था और उसका नाम निर्भया रखा गया था। आज भी जब इस घटना को याद करते हैं तो दिल डर से कांप उठता है। आज यानी 16 दिसंबर 2024 को निर्भया कांड को 12 साल हो चुके हैं, लेकिन हालात में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है।

16 दिसंबर को महिलाओं की सुरक्षा को लेकर फिर से आवाज उठ रही है। कई महिला संगठन और सामाजिक संगठन निर्भया कांड को याद करते हुए देश में बढ़ते बलात्कार के मामलों में आरोपियों को सख्त सजा देने की मांग करते हैं। आज भी महिलाओं और बच्चियों के साथ बलात्कार और सामूहिक बलात्कार के मामले बढ़ रहे हैं। अब सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या रेप जैसे मामलों की सुनवाई सिर्फ फास्ट ट्रैक अदालतों में ही की जानी चाहिए ? इन सबके बीच ITV ने एक सर्वे किया है, जिसमें लोगों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियां दी है.

 

1 निर्भया मामले को आज 12 साल हो गए.. क्या दिल्ली महिलाओं के लिए सुरक्षित हुई है ?

हां                                                      31.00 %
नहीं                                                   69.00 %
कह नहीं सकते                                  00.00 %

2 सख्त कानून के बावजूद रेप और छेड़छाड़ के मामले बढ़े हैं.. इसकी क्या वजह मानते हैं आप ?

कम कनविक्शन रेट                         09.00 %
कानून का डर नहीं                           40.00 %
पुलिस जांच में लापरवाही                  48.00 %
कह नहीं सकते                                 03.00 %

3 क्या रेप जैसे मामलों की सुनवाई सिर्फ फास्ट ट्रैक अदालतों में ही की जानी चाहिए ?

हां                                                   90.00 %
नहीं                                                 10.00 %
कह नहीं सकते                               00.00 %

4 अब भी महिलाएं रेप जैसे अपराधों में केस दर्ज कराने से घबराती हैं.. क्या वजह मानते हैं आप ?

जागरूकता की कमी                       27.00 %
पुलिस का रवैया                                36.00 %
ज्यादातर पहचान वाले ही दुष्कर्मी     32.00 %
कह नहीं सकते                                 05.00 %

 

निर्भया कांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। देशभर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। इस घटना के बाद सरकार को कानून बदलना पड़ा। बलात्कार के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया गया। आज निर्भया कांड को 12 साल हो चुके हैं, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि सख्त कानूनों के बावजूद न तो हमारे देश में बलात्कार के मामले कम हो रहे हैं और न ही सज़ा की दर बढ़ रही है।

 

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