Earthquake tremors in Jammu-Kashmir and Gujarat: देश के दो प्रमुख क्षेत्रों, जम्मू-कश्मीर और गुजरात में शुक्रवार रात भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. साथ ही लेह-लद्दाख क्षेत्र में भी धरती हिली. राहत की बात ये है कि इन झटकों से जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन लोगों में कुछ देर के लिए दहशत फैल गई.
गुजरात में देर रात शुक्रवार को 3.4 तीव्रता का भूकंप आया था. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, झटके हल्के थे लेकिन कुछ इलाकों में कंपन महसूस की गई थी. गुजरात राज्य वैसे भी भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है.
इसी रात जम्मू-कश्मीर में भी धरती कांपी थी. यहां भूकंप की तीव्रता 2.7 मापी गई थी. हालांकि केंद्र सतह के काफी नीचे होने के कारण झटके हल्के रहे और किसी तरह की क्षति नहीं हुई.
लेह-लद्दाख में भी भूकंप ने दस्तक दी. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.9 रही थी. लोगों ने रात के समय हल्का कंपन महसूस किया, जिससे कुछ देर के लिए बाहर निकलने की अफरातफरी मच गई थी.
गुजरात स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (GSDMA) के मुताबिक,गुजरात भूकंप के खतरे की दृष्टि से हाई रिस्क जोन में आता है. पिछले 200 सालों में यहां 9 बड़े भूकंप आ चुके हैं. सबसे भयानक भूकंप गुजरात में 26 जनवरी 2001 को कच्छ में आया था, जिसमें 13,800 से अधिक लोगों की जान चली गई थी और 1.67 लाख लोग घायल हुए थे.
0–1.9: सिर्फ सीस्मोग्राफ पर दर्ज
2–2.9: बहुत हल्का कंपन
3–3.9: भारी वाहन के गुजरने जैसा एहसास
4–4.9: सामान गिर सकता है
5–5.9: फर्नीचर हिलने लगता है
6–6.9: इमारतों में दरारें
7–7.9: भवनों का गिरना तय
8 या उसे अधिक: भारी तबाही, सुनामी का खतरा
पृथ्वी की सतह के अंदर होने वाली टेक्टोनिक हलचलों की वजह से जब प्लेट्स टकराती हैं, तो ऊर्जा का विस्फोट होता है और कंपन के रूप में ऊर्जा बाहर निकलती है. भारत में हिमालयी क्षेत्र में इसकी सबसे बड़ी वजह है, जहां भारतीय और यूरेशियन प्लेट्स के बीच लगातार टकराव होता रहता है.
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