नई दिल्ली: मिशन सुचारू रूप से चलने पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने राहत की सांस ली. मिशन निदेशक ने कहा है कि जीएसएलवी अब एक नॉटी बॉय नहीं रहा बल्कि एक आज्ञाकारी और अनुशासित बेटे की तरह बड़ा हुआ है. बता दें कि शाम 5:35 बजे, उपग्रह को ले जाने वाले 52 मीटर लंबे रॉकेट ने सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से शानदार ढंग से उड़ान भरी है. जीएसएलवी रॉकेट पर 3 चरण स्थापित किए गए थे, और अब मंच के सबसे ऊपरी स्टेज पर क्रायोजेनिक इंजन था, सिर्फ 20 मिनट की उड़ान के बाद ये उपग्रह से अलग हो गया और जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) में छोड़ दिया है. जीटीओ पृथ्वी से करीब 37 हजार किमी ही ऊंचे अंतरिक्ष में है.
नॉटी बॉय
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज उन्नत मौसम उपग्रह INSAT 3DS के सफल प्रक्षेपण के लिए हमारे इसरो वैज्ञानिकों को बधाई दी और कहा तीसरी पीढ़ी का उपग्रह भारत की आपदा प्रबंधन क्षमताओं और ताकत को बढ़ाएगा. साथ ही किसी भी आपदा में शून्य हताहत के लक्ष्य को हासिल करने के पीएम नरेंद्र मोदी के संकल्प को साकार करने की दिशा में ये एक महत्वपूर्ण कदम है.
पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि इसरो और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय को सफल प्रक्षेपण की ढेरो बधाई, अंतरिक्ष शोध और देश के विकास में ये एक यादगार उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वप्नदर्शी नेतृत्व की गूंज है.
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