अयोध्या। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में जिला जेल के जेलर ने मानवता की ऐसी मिसाल पेश की, जिसका हर कोई कायल हो गया। अयोध्या जेल के अधीक्षक शशिकांत मिश्रा (Shashikant Mishra) ने एक 98 साल के पुजारी को जेल में बंद देखा तो पहले अदालत से दरख्वास्त की कि वह उन्हें रिहा करने का आदेश दे। इसके बाद जब कोर्ट ने रिहाई का ऑर्डर दिया तो जेलर खुद अपनी गाड़ी से उन्हें घर तक छोड़ने गए। बताया जा रहा है कि कैदी राम सूरत काफी लंबे समय से जेल में बंद थे। जेल अधीक्षक ने उनके जमा कराए गए साढ़े 9 हजार रुपये भी वापस कर किए।
अयोध्या की जेल से रिहा हुए इस कैदी का नाम राम सूरत है। जेल अधिकारियों ने उन्हें माला पहनाकर विदाई दी। जानकारी के मुताबिक राम सूरत एक मामले में पिछले पांच सालों से जेल में बंद थे। उनकी रिहाई का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है, जिसमें जेल के अधिकारी उन्हें काफी सम्मान के साथ विदाई देते हुए नजर आ रहे हैं।
परहित सरिस धर्म नहीं भाई . 98 वर्षीय श्री रामसूरत जी की रिहाई पर लेने कोई नहीं आया . अधीक्षक जिला जेल अयोध्या श्री शशिकांत मिश्र पुत्रवत अपनी गाड़ी से घर भेजते हुए . @rashtrapatibhvn @narendramodi @myogiadityanath @dharmindia51 pic.twitter.com/qesldPhwBB
— DG PRISONS U.P (@DgPrisons) January 8, 2023
जेल अधिकारियों के मुताबिक राम सूरत को कोर्ट ने आईपीसी की धारा 452, 323 और 352 के तहत दोषी ठहराया था। इसके बाद अब जेल कर्मचारियों ने उनकी उम्र को देखते हुए बड़े सम्मान के साथ जेल से विदाई दी है। जेल अधीक्षक शशिकांत मिश्रा ने बताया कि जब राम सूरत (Ram Surat) को जेल से रिहा किया गया तो उन्हें घर से कोई भी लेने के लिए नहीं आया। बता दें कि राम सूरत के रिहाई वाले इस वीडियो को सोशल मीडिया पर काफी पंसद किया जा रहा है।
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