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मनमोहन सिंह की नीली पगड़ी का रहस्य बेहद रोचक, जानकार होगी हैरानी

पूर्व प्रधानमंत्री चाहे विदेश यात्रा पर रहे हो या फिर कोई जरुरी कर्यक्रम में उनकी उपस्थिति, वो हमेशा अपने साधारण पोषक के साथ नीली पगड़ी में नजर आए। अब आप यह जाने के लिए उत्सुक होंगे कि क्यों पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोह सिंह नीली पगड़ी पहनते थे।

Manmohan Singh blue turban
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  • Last Updated: December 27, 2024 16:40:18 IST

नई दिल्ली : भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोह सिंह का (26 दिसंबर 2024) के दिन दुखद देहांत हुआ। उनसे जुड़े हजारो किस्से सोशल मीडिया पर आज वायरल हो रहा है। डॉ. मनमोह सिंह के बारे में आज हम आपको एक फैक्ट और रोचक बात बताने जा रहे है। आप सभी ने पूर्व प्रधानमंत्री को हमेशा नीली पगड़ी में ही देखा होगा। पूर्व प्रधानमंत्री चाहे विदेश यात्रा पर रहे हो या फिर कोई जरुरी कर्यक्रम में उनकी उपस्थिति, वो हमेशा अपने साधारण पोषक के साथ नीली पगड़ी में नजर आए। अब आप यह जाने के लिए उत्सुक होंगे कि क्यों पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोह सिंह नीली पगड़ी पहनते थे।

 नीली पगड़ी का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

– पगड़ी सिख समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक प्रतीक है।
– यह सम्मान, स्वाभिमान, आस्था, साहस और आध्यात्मिकता का प्रतीक मानी जाती है।
– गुरु गोबिंद सिंह ने इसे बैसाखी के दिन उपहार के रूप में समाज को दिया था।
– पगड़ी को गुरु का उपहार माना जाता है, और विशेषकर खालसा (अमृतधारी सिख) इसे पहनते हैं।

 मनमोहन सिंह की नीली पगड़ी पहनने की वजह

– डॉ. मनमोहन सिंह हमेशा नीली पगड़ी पहनते थे, चाहे वह विदेश यात्रा पर हों या किसी कार्यक्रम में।
– 11 अक्टूबर, 2006 को कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग, प्रिंस फिलिप ने उनकी पगड़ी के रंग पर ध्यान आकर्षित किया।
– मनमोहन सिंह ने जवाब दिया कि हल्का नीला रंग उनके अल्मा मेटर, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय का प्रतीक है।
– उन्होंने कहा, “कैम्ब्रिज में बिताए मेरे दिनों की यादें बहुत गहरी हैं, इसलिए हल्का नीला रंग मुझे प्रिय है।”

 नीली पगड़ी का व्यक्तिगत प्रतीक

– मनमोहन सिंह की नीली पगड़ी का रंग उनके व्यक्तिगत अनुभवों और जीवन के संबंधों का प्रतीक था।
– यह न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को दर्शाता है, बल्कि उनके कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से जुड़े अनुभवों को भी दर्शाता है।
– पगड़ी का रंग व्यक्ति की व्यक्तिगत पसंद से भी जुड़ा हो सकता है, जो सांस्कृतिक प्रतीक से अलग हो।

इस प्रकार, मनमोहन सिंह की नीली पगड़ी के पीछे एक गहरी व्यक्तिगत और सांस्कृतिक भावना छिपी हुई थी, जो उनके जीवन के अनुभवों और उनके धार्मिक विश्वासों का प्रतीक बन गई।

 

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