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तिरुपति मंदिर समेत हाथरस, वैष्णो देवी जैसी जगहों पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ से मची थी भगदड़, जानें बीते 20 साल का इतिहास

आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में बीती रात वैकुंठ द्वार दर्शन के दौरान मची भगदड़ में 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और करीब से अधिक लोग घायल हो गए। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब श्रद्धालुओं की भीड़ ऐसी घटना घटी हो. पिछले 20 सालों में धार्मिक आयोजन के दौरान और मंदिरों से ऐसी कई घटनाएं सामने चुकी हैं.

Stampede cases in last 20 years
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  • Last Updated: January 9, 2025 11:40:52 IST

नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में बीती रात वैकुंठ द्वार दर्शन के दौरान मची भगदड़ में 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और करीब 25 से अधिक लोग घायल हो गए। बता दें भगदड़ उस समय हुई जब विशेष दर्शन के लिए टोकन बांटे जा रहे थे। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वैकुंठ द्वार दर्शन शुक्रवार से शुरू होकर 10 दिनों तक चलने वाले कार्यक्रम हैं। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब श्रद्धालुओं की भीड़ ऐसी घटना घटी हो. पिछले 20 सालों में धार्मिक आयोजन के दौरान और मंदिरों से ऐसी कई घटनाएं सामने चुकी हैं. आइए जानते बीते करीब दो दशक इतिहास जहां भगदड़ के कारण कई मासूम लोगों ने अपनी जान गंवाई हैं.

हाथरस सत्संग भगदड़, 2024

उत्तर प्रदेश के हाथरस में जुलाई 2024 में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई थी। इस घटना की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की गई, जिसमें आयोजकों और प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया गया। रिपोर्ट में सामने आया कि अनुमति के दौरान आयोजकों ने नियमों का पालन नहीं किया और स्थानीय अधिकारियों ने आयोजन स्थल का निरीक्षण तक नहीं किया।

इंदौर मंदिर हादसा, 2023

मध्य प्रदेश के इंदौर में रामनवमी पर पटेल नगर स्थित मंदिर में बावड़ी की छत गिरने से 35 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना में कई लोग घायल भी हुए। रेस्क्यू ऑपरेशन में 140 से अधिक कर्मी जुटे थे। यह हादसा प्रशासन की लापरवाही का उदाहरण बना।

वैष्णो देवी मंदिर हादसा, 2022

जम्मू के वैष्णो देवी मंदिर में नए साल के पहले दिन भारी मात्रा में लोग दर्शन करने पहुंचे थे. इस कारण भीड़ इतनी बढ़ गई की उस पर नियंत्रण नहीं पाया जा सका और मंदिर प्रागण में भगदड़ मच गई. इस दौरान 12 श्रद्धालु मारे गए। जांच में सामने आया कि उस दिन मंदिर प्रागण में लगभग दो से ढाई लाख श्रद्धालु दर्शन करने के लिए मौजूद थे.

राजमुंदरी पुष्करम त्योहार, 2015

राजमुंदरी पुष्करम त्योहार के समय आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी में गोदावरी नदी के घाट पर हज़ारों की संख्या में लोग पहुंचे थे. इस दौरान 27 लोगों की मौत हुई थी। यह हादसा भीड़ के कारण मची भगदड़ की वजह से हुआ था।

पटना रावण दहन हादसा, 2014

पटना में दशहरा के दिन रावण दहन के दौरान मची भगदड़ में 33 लोगों की जान गई थी। इसके साथ ही इस घटना में 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। वहीं बिहार सरकार की ओर से गंभीर और सामान्य रूप से घायल लोगों की मुआवजा देने का वादा किया गया था.

हरिद्वार यज्ञ भगदड़, 2011

हरिद्वार में गायत्री परिवार के यज्ञ के दौरान भगदड़ में 20 लोगों की मौत और 50 से ज्यादा घायल हुए थे। घटना के बाद गायत्री परिवार द्वारा मृतकों के परिवारजनों को दो दो लाख रुपए देने का ऐलान किया गया. साथ ही परवार के मुख्या प्रणव पंड्या ने इस घटना की ज़िम्मेदारी ली.

चामुंडा देवी मंदिर हादसा, 2008

राजस्थान के चामुंडा देवी मंदिर में नवरात्र के पहले दिन हुई भगदड़ में 250 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। मंदिर परिसर में अत्यधिक भीड़ और प्रशासनिक व्यवस्था की कमी इस हादसे का कारण बनी।

नैना देवी मंदिर हादसा, 2008

हिमाचल प्रदेश के नैना देवी मंदिर में मची भगदड़ में 146 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें करीब 40 बच्चे भी शामिल थे. वहीं यह रेन शेल्टर के ढहने के कारण घटी. हालांकि उस दौरान ये अफवाह भी फैली की ये घटना भूस्खलन के कारण घटी है.

मांढर देवी भगदड़, 2005

महाराष्ट्र के सतारा में मांढर देवी मंदिर में 2005 में मची भगदड़ में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। जनवरी में आयोजित इस धार्मिक यात्रा में लाखों लोग शामिल हुए थे। घटना उस समय हुई जब पहाड़ी क्षेत्र में भक्तों के बीच अफरा-तफरी मच गई।

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