उत्तर प्रदेश/ उत्तराखंड: गरीब लोगों को राशन कार्ड के जरिए कई लाभ होते है. राशन कार्ड से हर महीने सस्ते दामों पर अनाज हासिल किया जाता है और वहीं राशन कार्ड को पहचान पत्र के रूप में भी प्रयोग किया जाता है.
सरकार की तरफ से गरीब लोगों की मदद के लिए कई कदम उठाए गए हैं. सस्ते दामों पर लोगों को अनाज उपलब्ध करवाने का काम भी सरकार की तरफ से किया जा रहा है. सस्ते दामों में अनाज हासिल करने के लिए सरकार की तरफ से राशन कार्ड दिए जाते हैं. राशन कार्ड भारत में राज्य सरकारों द्वारा जारी किया जाने वाला उन परिवारों के लिए एक आधिकारिक दस्तावेज है जिससे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली से सस्ते दामों में अनाज दिए जाते है. इसके अलावा राशन कार्ड का प्रयोग पहचान पत्र के रुप में भी किया जाता है.
दरअसल कई बार ऐसे लोग भी राशन कार्ड जारी करवा लेते हैं जो कि उस कार्ड का योग्य नहीं होते हैं. इस स्थिति में इन अयोग्य लोगों पर सरकार कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है. इसके तहत सरकार की तरफ से वसूली के साथ ही उस पर केस भी किया जा सकता है. बता दें कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकार इस अयोग्य राशन कार्ड धारकों पर विशेष रुप से कार्रवाई करने की तैयारी में है. साथ ही फर्जी राशन कार्ड धारकों पर भी कार्रवाई करने की तैयारी में है.
दोनों राज्य सरकारों का कहना है कि गरीबों का उनका हक मिले और उनका हक किसी फर्जी राशन कार्ड धारकों के जरिए मारा न जाए. इस स्थिति में अपात्र राशन कार्ड धारक गरीबों का हक मार रहे हैं इसलिए सरकार की तरफ से उन पर वसूली करने के साथ ही एफआईआर दर्ज भी की जाएगी. जांच में अपात्र पाए जाने वाले लोगों पर पूर्ण रूप से कार्रवाई की जाएगी.
अपात्र लोग FIR से बच भी सकते हैं. ऐसे अपात्र लोग जो कि दी गई निर्धारित समयावधि में राशन कार्ड सरेंडर कर देते हैं तो उनपर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. ऐसे लोग FIR से बच सकते हैं और साथ ही इन सभी लोगों का नाम और पता भी गोपनीय रखा जाएगा. वहीं फर्जी राशन कार्ड प्रयोग करने वाले लोगों से वसूली की जाएगी.
महाराष्ट्र: पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय पहुंचे संजय राउत, कहा- जिंदगी में कभी गलत काम नहीं किया