नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान होगा. उससे 10 दिन पहले देशभर में राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाएगा. आज 25 जनवरी 2025 को 15वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस (NVD) भारत निर्वाचन आयोग (ECI) के 75 वर्ष पूरे होने का प्रतीक है. क्या आप जानते हैं राष्ट्रीय मतदाता दिवस क्यों मनाया जाता है और इसका इतिहास क्या है?
भारत के चुनाव आयोग का गठन भारतीय संविधान के लागू होने से 1 दिन पहले 25 जनवरी 1950 को किया गया था, क्योंकि 26 जनवरी 1950 को भारत को एक गणतंत्र बनना था. इस दिन भारत के प्रत्येक नागरिक को अपने देश के प्रत्येक चुनाव में भाग लेने की शपथ लेनी चाहिए, क्योंकि भारत के प्रत्येक व्यक्ति का वोट ही देश के भविष्य की नींव रखता है. राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2025 की थीम की घोषणा अभी नहीं की गई है. पिछले वर्ष “मतदान से बढ़कर कुछ नहीं, मैं निश्चित रूप से मतदान करता हूँ.” विषय था. इस थीम का उद्देश्य ‘लोगों को मतदान के महत्व को समझाना और उन्हें आत्मविश्वास के साथ चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रेरित करना था।’
यह भारत सरकार द्वारा अधिक युवा मतदाताओं को राजनीतिक प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए स्थापित किया गया था और पहली बार 25 जनवरी 2011 को मनाया गया था. इसे अक्सर भारत में लोकतंत्र का त्योहार कहा जाता है. यह दिन मतदान के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों, विशेष रूप से पहली बार मतदाताओं को वोट देने के अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रेरित करने के लिए मनाया जाता है. उच्च मतदान को स्वस्थ और जीवंत लोकतंत्र का संकेत माना जाता है, क्योंकि यह देश के भविष्य को आकार देने में लोगों की भागीदारी और रुचि को दर्शाता है. राष्ट्रीय मतदाता दिवस नागरिकों को अपने नेता चुनने के उनके मौलिक अधिकार की याद दिलाता है.
राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2025 की थीम की घोषणा अभी नहीं की गई है. पिछले वर्ष “मतदान से बढ़कर कुछ नहीं, मैं निश्चित रूप से मतदान करता हूँ.” विषय था. इस थीम का उद्देश्य ‘लोगों को मतदान के महत्व को समझाना और उन्हें आत्मविश्वास के साथ चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रेरित करना था।’
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