Lalu Yadav on Tej Pratap Yadav: बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपने ज्येष्ठ पुत्र तेज प्रताप यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है. इसके साथ ही लालू ने तेज प्रताप को परिवार से भी बेदखल करने का ऐलान किया है. यह फैसला तेज प्रताप के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार और पार्टी के नैतिक मूल्यों के खिलाफ गतिविधियों के कारण लिया गया है. ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण, गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है.
पटना में हाल के घटनाक्रमों ने RJD के भीतर तनाव को और बढ़ा दिया. सूत्रों के अनुसार तेज प्रताप यादव का पार्टी नेतृत्व और कार्यकर्ताओं के साथ असंतुलित व्यवहार और उनकी विवादास्पद गतिविधियां इस फैसले का प्रमुख कारण रहीं. RJD के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने भी इस निष्कासन की पुष्टि करते हुए कहा तेज प्रताप यादव अब RJD में नहीं हैं. उन्हें पार्टी के छात्र संगठन के लिए ‘लालटेन’ चिह्न इस्तेमाल करने से भी मना किया गया है. यह फैसला पार्टी के अनुशासन और नैतिकता को बनाए रखने की दिशा में एक कड़ा कदम माना जा रहा है.
लालू प्रसाद यादव का यह कदम न केवल राजनीतिक बल्कि पारिवारिक स्तर पर भी बड़ा बदलाव लाने वाला है. तेज प्रताप को परिवार से बेदखल करने का निर्णय RJD के इतिहास में एक अभूतपूर्व घटना है. लालू जी ने तेज प्रताप को पार्टी के साथ-साथ परिवार से भी निकाला. तेज प्रताप की गतिविधियों ने सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा को जन्म दिया. इस फैसले से RJD के कार्यकर्ताओं और समर्थकों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. कुछ इसे पार्टी अनुशासन के लिए जरूरी मान रहे हैं तो कुछ इसे पारिवारिक एकता पर चोट के रूप में देख रहे हैं.
तेज प्रताप यादव पहले भी अपने बयानों और गतिविधियों के कारण सुर्खियों में रहे हैं. उनकी अनपेक्षित टिप्पणियां और कार्यशैली ने कई बार पार्टी को असहज स्थिति में डाला है. हाल ही में उनकी कुछ गतिविधियों को लेकर सोशल मीडिया पर भी तंज कसे गए. एक यूजर ने लिखा इस बार इनकी बांसुरी मथुरा के बृंदावन में नहीं, किसी होटल के बंद कमरे में बज रही है! ऐसे में लालू का यह कठोर निर्णय तेज प्रताप की छवि को और प्रभावित कर सकता है.
तेज प्रताप यादव को लालू यादव द्वारा पार्टी और परिवार से बेदखल किए जाने पर बोले तेजस्वी यादव- बड़े भाई के निजी फैसलों का सम्मान करता हूं, राजनीति और निजी जीवन दोनों अलग है.#LaluPrasadYadav #tejpratapyadav #BiharNews #RJD #TejashwiYadav #Inkhabar #BreakingNews https://t.co/CXqlofpcLm pic.twitter.com/0NcFU5MKiF
— InKhabar (@Inkhabar) May 25, 2025
यह निष्कासन बिहार की राजनीति में नए समीकरण बना सकता है. RJD के भीतर नेतृत्व और संगठनात्मक ढांचे पर इसका असर पड़ना तय है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम पार्टी को एकजुट करने और कार्यकर्ताओं में अनुशासन लाने की दिशा में उठाया गया है. पार्टी और परिवार से बेदखल करना एक कठिन लेकिन आवश्यक फैसला था. दूसरी ओर तेज प्रताप की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है जिससे अटकलों का बाजार गर्म है.
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