Inkhabar
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • उत्तराखंड हाईकोर्ट: अपने पार्टनर्स के खिलाफ महिलाएं एंटी रेप कानून का कर रही हैं दुरुपयोग

उत्तराखंड हाईकोर्ट: अपने पार्टनर्स के खिलाफ महिलाएं एंटी रेप कानून का कर रही हैं दुरुपयोग

देहरादून: उत्तराखंड हाईकोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट द्वारा एक अहम बात कही गयी है. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कहा कि अपने पार्टनर्स के खिलाफ महिलाएं एंटी रेप कानून का दुरुपयोग कर रही हैं. उत्तराखंड हाईकोर्ट की टिप्पणी उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि आजकल महिलाएं अपने साथी […]

Inkhabar
inkhbar News
  • Last Updated: July 24, 2023 13:15:47 IST

देहरादून: उत्तराखंड हाईकोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट द्वारा एक अहम बात कही गयी है. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कहा कि अपने पार्टनर्स के खिलाफ महिलाएं एंटी रेप कानून का दुरुपयोग कर रही हैं.

उत्तराखंड हाईकोर्ट की टिप्पणी

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि आजकल महिलाएं अपने साथी के साथ झगड़ा होने पर बलात्कार विरोधी कानून का दुरुपयोग कर उनपर आरोप लगाती हैं. एक केस की सुनवाई के दौरान आपराधिक कार्यवाही को रद्द करते हुए 5 जुलाई को न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा ने टिप्पणी की. उत्तराखंड कोर्ट में इस महिला ने 30 जून, 2020 को अपनी शिकायत दर्ज करवाई थी. महिला और आरोपी 2005 से आपसी सहमति के साथ शारीरिक संबंध बना रहे थे, दोनों ने एक दूसरे से वादा किया था कि नौकरी लग जाने पर वह एक दूसरे से शादी कर लेंगे. लेकिन उस पुरुष ने बाद में किसी और से शादी करने के बाद भी महिला से रिश्ता बनाये रखा. जानकारी के अनुसार इस केस में महिला ने शादी से इनकार कर बलात्कार का आरोप लगाया था. अदालत द्वारा कहा गया कि “किसी भी रिश्ते में आपसी सहमति से प्रवेश करें से पहले शुरुआती चरण में ही सत्यता की अच्छे से जांच ली जानी चाहिए, बाद में नहीं”.

कानून का दुरुपयोग

जस्टिस शरद कुमार शर्मा ने अपनी बात दोहराते हुए कहा- सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि “अगर पति पत्नी दोनों में से किसी एक पक्ष ने विवाह से इनकार कर दिया है तो वयस्कों के बीच आपसी सहमति से बने शारीरिक संबंधों को बलात्कार नहीं माना जा सकता”. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कहा कि महिलाएं अपने घर में पति से झगड़ा कर या विभिन्न कारणों से, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) धारा 376 का दुरुपयोग करती हैं.