देहरादून: उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सिल्क्यारा टनल (Uttarkashi Tunnel Rescue) के अंदर अभी भी रेस्क्यू का काम किया जा रहा है। हादसे 17वें दिन यानी आज रेस्क्यू ऑपरेशन अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। जानकारी के मुताबिक, मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने में ड्रिलिंग के जरिए अंदर गई एक पाइप बाधा बन रही है। इसी कारण श्रमिकों को बाहर निकालने में देरी हो रही है। फिलहाल इस पाइप की कटिंग की जा रही है। माना जा रहा है कि ये काम पूरा होते ही करीब 1 घंटे के अंदर मजदूर बाहर आ जाएंगे।
सुरंग के अंदर ही दिया जाएगा प्राथमिक उपचार
बचाव अभियान (Uttarkashi Tunnel Rescue) के चलते सुरंग के अंदर अस्थायी चिकित्सा सुविधा का प्रदान किया जा रहा है। फंसे हुए मजदूरों को निकालने के बाद यहीं पर प्राथमिक स्वास्थ्य प्रशिक्षण दिया जाएगा। किसी भी तरह की दिक्कत होने पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से घटनास्थाल के पास आठ बेड की व्यवस्था की गई है और डॉक्टरों एवं विशेषज्ञों की टीम तैनात कर दी गई है। बताया ये भी जा रहा है कि सिल्क्यारा सुरंग से श्रमिकों को निकालने के बाद एयरलिफ्ट किया जा सकता है। इसको लेकर चिन्यालीसौर हवाई पट्टी पर चिनूक हेलीकॉप्टर तैनात कर दिया गया है।
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लग सकती है पूरी रात- सैयद अता हसनैन
NDMA के सदस्य सैयद अता हसनैन ने कहा कि कल से 47 मीटर हॉरिजॉन्टल प्रोब चला है, जिसे मैनुअल डिग किया गया है। इस दौरान करीब 58 मीटर तक खुदाई हो चुकी है। आगे सैयद हसनैन ने बताया कि टनल के अंदर लोगों को भेजा जाएगा, हर एक शख्स को बाहर लाने के लिए 3 से 5 मिनट लग सकते हैं। उन्होंने मजदूरों को बाहर निकालने में रात भर का समय लगने की आशंका जताई है। आगे उन्होंने बताया कि पूरी भारत सरकार और उनकी सभी एजेंसिया, हर किस्म के लोग जुटे हुए हैं। 41 श्रमिकों को ऋषिकेश ले जाया जाएगा।