नई दिल्ली। IIT Bombay controversy: पांडिचेरी विवि में एनुअल फंक्शन के दौरान रामायण के पात्रों के चरित्र को आपत्तिजनक तरीके से पेश किए जाने का विवाद अभी थमा नहीं कि अब आईआईटी बॉम्बे में भी ऐसी ही एक घटना सामने आई है। हिंदूवादी संगठनों ने हिंदू देवी-देवताओं के अपमान के खिलाफ आक्रोश जताया। बता दें कि बीते दिनों पांडिचेरी विश्व विद्यालय में एक नाटक के मंचन के दौरान रामायण के पात्रों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया था। इसको लेकर छात्र संगठन एबीवीपी ने आपत्ति जताई थी। इसके बाद विवि प्रशासन ने एफआईआर दर्ज कराई और आंतरिक जांच कमेटी का भी गठन किया था।
क्या है आईआईटी बॉम्बे का मामला?
आईआईटी बॉम्बे के सांस्कृतिक कल्चरल फेस्ट में 31 मार्च को परफॉर्मिंग आर्ट्स फेस्टिवल (पीएएफ) के हिस्से के रूप में “राहोवन” नामक नाटक का मंचन किया गया। ये नाटक, रामायण पर आधारित था और इसमें भगवान राम के चित्रण के दौरान उनकी कथित रूप से आलोचना की गई। इस नाटक के मंचन के बाद कलात्मक स्वतंत्रता और धार्मिक भावनाओं पर लड़ाई शुरू हो गई है। ऐसा आरोप है कि इस नाटक में कथित नारीवादी मुद्दों को उजागर करने के लिए भगवान राम के चरित्र के साथ छेड़छाड़ किया गया।
लोगों में आक्रोश
इस नाटक को लेकर सोशल मीडिया पर भी लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक यूजर ने लिखा कि हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाने का एक नया चलन बन गया है। एक ने लिखा कि पुडुचेरी विश्वविद्यालय के बाद, अब आईआईटी बॉम्बे कल्चरल फेस्ट में छात्र प्रभु श्री राम का मजाक उड़ाते और रामायण को अनुचित तरीके से प्रस्तुत करते नजर आ रहे हैं। इस मामले में विश्व विद्यालय प्रशासन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।