नई दिल्ली: मणिपुर में फ्री मूवमेंट नीति लागू होने के पहले ही दिन हिंसा की घटनाएं सामने आईं। इंफाल-दीमापुर हाईवे (NH-2) पर सुरक्षाबलों और कुकी समुदाय के प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई, जिसमें एक व्यक्ति की जान चली गई और 27 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।
कैसे शुरू हुई हिंसा?
शनिवार को मणिपुर में फ्री मूवमेंट नीति लागू की गई, जिसके तहत नागरिक और वाहन बिना किसी रोक-टोक के इंफाल से सेनापति और चुराचांदपुर जा सकते हैं। इस नीति का उद्देश्य हिंसा प्रभावित इलाकों में सामान्य स्थिति बहाल करना था। लेकिन जैसे ही इंफाल से सेनापति की ओर वाहन रवाना हुए, कुकी बहुल इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने हाईवे को अवरुद्ध कर दिया।
स्थिति को संभालने के लिए सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास किया, लेकिन विरोध तेज हो गया। स्थिति बिगड़ने पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए, जिसके बाद प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और हिंसा भड़क उठी। इस झड़प में कई जवान घायल हो गए और एक नागरिक की मौत हो गई। हालात को देखते हुए प्रशासन को प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू लगाना पड़ा।
मणिपुर में जारी जातीय तनाव
पिछले दो वर्षों से मणिपुर में जातीय संघर्ष जारी है। मई 2023 में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच हिंसा भड़की थी, जिसमें अब तक 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग पलायन हो चुके हैं। हाल ही में सरकार ने राज्य में फ्री मूवमेंट नीति लागू करने का निर्णय लिया, ताकि परिवहन बहाल हो सके और जनता में विश्वास बढ़े। शनिवार को दो प्रमुख मार्गों पर बस सेवाएं शुरू की गईं, इंफाल से सेनापति और कांगपोकपी के लिए तथा इंफाल से चुराचांदपुर और बिष्णुपुर के लिए। हालांकि, इस नीति को लेकर असहमति बनी हुई है और कई लोग इसका विरोध कर रहे हैं। तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए प्रशासन स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए है।
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