Pahalgam Terrorist Attack:  जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। हमले के बाद से पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने पर चल रही बहस के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि इस समय पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध लड़ने की कोई जरूरत नहीं है। सिद्धारमैया का कहना है कि सुरक्षा के कड़े कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा है कि हम युद्ध के पक्ष में नहीं हैं। लोगों को सुरक्षित और शांति महसूस होनी चाहिए। इसके लिए केंद्र सरकार को प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करना चाहिए।

सिद्धारमैया ने उठाए सवाल

सिद्धारमैया के इस बयान पर भाजपा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि पहलगाम हमले पर उनकी सलाह की कोई जरूरत नहीं है। वह पाकिस्तान के साथ युद्ध पर टिप्पणी करने के लिए अयोग्य हैं। सुरक्षा चूक की बात केंद्र सरकार द्वारा स्वीकार किए जाने के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने पहलगाम आतंकी हमले के पीछे सुरक्षा चूक के बारे में सच बोला है। उचित सुरक्षा व्यवस्था की जानी चाहिए थी। यह एक पर्यटन स्थल है।

मोदी ने सर्वदलीय बैठक में भाग नहीं लिया

इसी क्षेत्र में पहले 40 सैनिक मारे गए थे। उन्हें बेहद सावधान रहना चाहिए था। यह खुफिया और सुरक्षा विफलता थी। लोगों को विश्वास था कि वे सुरक्षित हैं, लेकिन केंद्र सरकार उन्हें सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकी। सिद्धारमैया ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी आतंकवादी हमले के संबंध में लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमले के बाद केंद्र द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भाग नहीं लिया, लेकिन बिहार में चुनावी रैली में हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री की इन टिप्पणियों की कर्नाटक भाजपा के लोगों ने आलोचना की है।

भाजपा का पलटवार

विपक्ष के नेता आर. अशोक ने कहा कि यह कर्नाटक का दुर्भाग्य है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया जिनके पास 40 वर्षों का व्यापक राजनीतिक अनुभव है, उन्हें यह भी बुनियादी समझ नहीं है कि क्या बोलना है और कब बोलना है। आतंकियों की यह हरकत सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा नहीं है। यह भारत की संप्रभुता और गरिमा को सीधी चुनौती है। ऐसी स्थिति में पूरे देश को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर एक स्वर में एकजुट होना होगा।

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