नई दिल्ली : संसद में वित्त मंत्री ने बजट पेश किया. बजट को लेकर सीएम नीतीश कुमार की अजीबो-गरीब प्रतिक्रिया आई है. सीएम नीतीश कुमार बुधवार को समाधान यात्रा पर निकते थे, और सुपौल के दौरे पर थे. जब पत्रकारों ने सीएम नीतीश कुमार से बजट के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि इस बार हम बजट नहीं देख पाए. सीएम ने आगे कहा कि जब हम लौटेंगे तो बजट मे क्या था उसका हम बारीकी से अध्ययन करेंगे. हम सांसद थे तो संसद में ही रहते थे और बजट को सुनते थे लेकिन इस बार यात्रा पर हूं इसलिए बजट नहीं सुन पाया लेकिन वापस लौटकर पूरा सुनूंगा.
सुपौल दौरे पर निकेल सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हम घूम कर देख रहे है कि जिले में कितना काम हुआ है. अगर कहीं कोई कमी रह गई है तो उसको पूरा किया जाएगा. सीएम घूमकर जनता की राय भी ले रहे है और क्षेत्र में कैसे विकास किया जाए. सीएम ने कहा कि स्कूल के बच्चों को देख लिजिए ये सब अंग्रेजी में बोल रहे है, इससे आप अंदाजा लगा सकते है कि कितना विकास हुआ है.
समाजवादी पार्टी की नेता और मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव ने कहा कि यह बजट चुनाव को ध्यान में रखकर पेश किया गया है. मीडिल क्लास को थोड़ी राहत मिली है लेकिन वे भी आटे में चुटकी भर नमक के बराबर. सरकार ने किसानों और नौजवानों को नजरअंदाज किया है. इसी के साथ रेलवे को भी कुछ नहीं मिला. इस बजट में किसानों के लिए कुछ भी नहीं है, किसानों के लिए एमएसपी की बात नहीं की गई है. भारत की आधी से अधिक आबादी गांव में रहती है लेकिन उसको ध्यान में नहीं रखा गया, उनके लिए इस बजट में कुछ भी नहीं है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि ये अमृतकाल का पहला बजट है. कोरोना के कारण पूरी दुनिया में इकोनॉमी गिरी लेकिन हमारा यहां की इकोनॉमी मजबूत हुई. सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि कोरोना के समय सरकार ने 80 करोड़ लोगों को 28 महीने तक मुफ्त राशन दिया गया. सरकार ने प्रयास किया कि देश में कोई भी आदमी भूखा न सोए. सरकार ने बजट में महिलाओं और पिछड़ों को भी ध्यान रखा है.
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