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क्लीन नोट पॉलिसी क्या है? जिसके तहत RBI लेती है नोट ना छापने का फैसला

नई दिल्ली: RBI ने 2000 के नोटों को चलन से बाहर करने का बड़ा फैसला लिया है. हालांकि 2000 के नोटों का लीगल टेंडर जारी रहेगा जहां सभी बैंक 30 सितंबर 2023 तक 2000 रुपये के नोट जमा करेंगे. ये नोट एक बार में 20 हजार तक जमा किए जा सकते हैं. RBI ने ये […]

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  • Last Updated: May 19, 2023 20:52:16 IST

नई दिल्ली: RBI ने 2000 के नोटों को चलन से बाहर करने का बड़ा फैसला लिया है. हालांकि 2000 के नोटों का लीगल टेंडर जारी रहेगा जहां सभी बैंक 30 सितंबर 2023 तक 2000 रुपये के नोट जमा करेंगे. ये नोट एक बार में 20 हजार तक जमा किए जा सकते हैं. RBI ने ये फैसला ‘क्लीन नोट पॉलिसी’ के तहत लिया है. आइए जानते हैं क्या है ‘क्लीन नोट पॉलिसी’.

इसलिए जारी हुए थे 2000 के नोट

आपको साल 2016 की नोटबंदी तो याद होगी जिसके अंतर्गत RBI ने 500 और 1000 के नोटों का चलन ख़त्म कर दिया था और 500 और 2000 के नए नोट आरबीआई एक्ट 1934 की धारा 24(1) के तहत चलन में लाए गए थे. 500 और 1000 रुपये के नोटों का सर्कुलेशन बंद कर दिया गया था. RBI ने दोगुनी और चौगुनी कीमत के 2 हजार के नोट इसलिए जारी किए ताकि ये जल्द से जल्द बाजार में बंद हुए नोटों की पूर्ती कर सकते.

1988 में ‘क्लीन नोट पॉलिसी’ लाई गई जिसका उद्देश्य आमजन तक अच्छी गुणवत्ता के नोट मुहैया करवाना था. RBI की ये पॉलिसी देश में जाली नोटों के सर्कुलेशन पर लगाम लगाने का काम भी करती थी. देश की अर्थव्यवस्था पर इस पालिसी के आने के बाद काफी अच्छा प्रभाव पड़ा क्योंकि लोगों को पुराने नोट बैंकों में जमा कर नए नोट लेने में मजबूर होना पड़ा था. इससे बाजार में नकदी का संकट खड़ा हो गया था जिससे रियल एस्टेट, रिटेल और टूरिज्म जैसे कई सेक्टर बुरी तरह से प्रभावित हुए. हालांकि इस पॉलिसी की आलोचना भी खूब हुई क्योंकि देश की ग्रामीण आबादी पर इसका दुष्प्रभाव पड़ा और करोड़ों लोगों को असुविधा हुई.

क्या कहती है पॉलिसी?

लेकिन नोटों का सर्क्युलेशन बनाए रखने के लिए ये पॉलिसी काफी अहम थी. RBI एक्ट 1934 की धारा 27 में कहा गया कि कोई भी व्यक्ति किसी भी तरीके से ना तो नोटों को नष्ट करेगा और ना ही उससे किसी प्रकार की छेड़छाड़ की जाएगी. सर्क्युलेशन में बनाए रखने के साथ-साथ नोटों को साफ़-सुथरा रखने के आदेश दिए गए थे. इन्हीं प्रयासों के तहत डिजिटल पेमेंट को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए नई क्लीन नोट पॉलिसी लाई गई थी. ये पॉलिसी अक्टूबर 2018 से लागू की गई थी.

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