Inkhabar
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • भारत और इजराइल के बीच का क्या हैं ये फ्री ट्रेड एग्रीमेंट

भारत और इजराइल के बीच का क्या हैं ये फ्री ट्रेड एग्रीमेंट

नई दिल्ली। भारत और इजराइल की मित्रता को 30 साल पूरे हो चुके है.भारत और इजराइल के बीच मित्रता का सम्बन्ध 1952 से हैं.आज दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार संबंध पहले से ज्यादा मजबूत हुआ है। ऐसे में भारत और इजराइल के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट होना अब संभव हो सकेगा। आपको बता दे […]

free trade agreement
inkhbar News
  • Last Updated: February 24, 2023 15:09:30 IST

नई दिल्ली। भारत और इजराइल की मित्रता को 30 साल पूरे हो चुके है.भारत और इजराइल के बीच मित्रता का सम्बन्ध 1952 से हैं.आज दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार संबंध पहले से ज्यादा मजबूत हुआ है। ऐसे में भारत और इजराइल के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट होना अब संभव हो सकेगा। आपको बता दे की दोनों देशो के बीच तक़रीबन $ 7. 5 बिलियन का व्यापार होता हैं जिसमे भारत तक़रीबन $4. 7 बिलियन का और इजराइल $ 3 बिलियन का व्यापार करता हैं.आकड़ों के मुताबिक इजराइल से भारत का व्यापार हमेशा सरप्लस में ही रहता हैं.

क्या हैं फ्री ट्रेड एग्रीमेंट?

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट यानी मुफ्त व्यापार समझौता का मतलब एक देश का सामान जब दूसरे देश में प्रवेश करता हैं तो उसपर उस देश के द्वारा कोई टैक्स न वसूला जाता है। भारत और इजराइल के बीच यही समझौता होने जा रहा. इजराइल के राजदूत नोर गिलोन ने एक मीडिया में बयान देते हुए कहा कि दोनों देशो के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर आगे की कार्रवाई हो सकती है। बता दे कि इजराइल अब तक 14 मुफ्त व्यापार समझौता पर हस्ताक्षर कर चुका हैं. वही भारत अब तक 13 देशों के साथ मुफ्त व्यापार समझौता कर चुका हैं.

भारत को इससे फायदा या नुकसान ?

दरअसल भारत को इस मुफ्त व्यापार एग्रीमेंट से नुकसान ही होगा. भारत इजराइल के साथ-साथ कई अन्य देश जैसे साउथ कोरिया, इंडोनेशिया, जापान, सिंगापुर, मलेशिया, थाईलैंड, वियतनाम के साथ मुफ्त व्यापार एग्रीमेंट करता हैं. लेकिन हमेशा घाटे में ही रहता हैं इसका प्रमुख कारण भारत द्वारा दूसरे देशो से अधिक मात्रा में निर्यात के मुकाबले आयात का अधिक होना है. अब अगर मुफ्त व्यापार एग्रीमेंट से फायदे की बात करें तो इससे देश के कंपनियों को विदेश में जाकर कारोबार स्थापित करने का अवसर प्राप्त होता हैं न केवल इतना बल्कि उस देश से हमारे देश में अधिक मात्रा में निवेश आता है.